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काशी में 24 जून को संस्कृति और कारीगरी का संगम, पहली बार वाराणसी में होगी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक

काशी में 24 जून को संस्कृति और कारीगरी का संगम, पहली बार वाराणसी में होगी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक

काशी नगरी 24 जून को एक ऐतिहासिक अवसर की साक्षी बनने जा रही है, जब पहली बार मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक वाराणसी में आयोजित होगी। यह बैठक केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, विरासत और कारीगरी के सम्मान में भी एक नया अध्याय लिखेगी।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हिस्सा लेंगे। यह पहली बार है जब काशी में इस स्तर की बहुपक्षीय बैठक आयोजित की जा रही है।

संस्कृति और कारीगरी का मेल

इस आयोजन को “जीआई इन इंडिया” अभियान से जोड़ा गया है, जिसके तहत भारत की पारंपरिक बौद्धिक संपदा, कारीगरी और सांस्कृतिक आत्मा को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर 10 विशिष्ट GI टैगधारी उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जो देश-विदेश से आए मेहमानों और आमजन को भारतीय हस्तशिल्प की विविधता और गुणवत्ता से परिचित कराएगी।

प्रदर्शनी में बनारसी साड़ी, लकड़ी की लाहठी कला, कांच की चूड़ियां, कालीन, मिट्टी की मूर्तियां, संगमरमर पर नक्काशी और अन्य स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय शिल्पकारों के लिए भी एक बड़ा मंच साबित होगी।

शहर में रहेगी रौनक, दुकानें रहेंगी खुली

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 24 जून को काशी में सभी दुकानें सामान्य रूप से खुली रहेंगी, ताकि शहर की जीवंतता और पारंपरिक व्यापार की झलक देश के अन्य राज्यों से आए प्रतिनिधियों को दिखाई जा सके। स्थानीय बाजारों को सजाया जा रहा है और सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद कर दिया गया है।

बैठक का उद्देश्य

मध्य क्षेत्रीय परिषद की यह 25वीं बैठक चार राज्यों—उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़—के बीच आपसी समन्वय, संसाधनों के उपयोग, विकास योजनाओं की समीक्षा और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा का मंच होगी। इसके तहत बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, आंतरिक सुरक्षा और औद्योगिक विकास जैसे विषयों पर नीतिगत निर्णय लिए जाने की संभावना है।

काशी की पहचान को मिलेगा बढ़ावा

यह आयोजन काशी को न केवल एक प्रशासनिक संवाद के केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि इसकी सांस्कृतिक विरासत, GI टैगधारी कारीगरी और पारंपरिक बाजारों को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान देने में सहायक होगा।

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