उत्तर प्रदेश के हर जिले में बनेंगे कंपोजिट स्कूल, 12वीं तक एक छत के नीचे पढ़ाई की सुविधा

उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और सुलभ बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। सरकार के अनुसार, प्रदेश के सभी 75 जिलों में कंपोजिट स्कूलों की स्थापना की जाएगी, जहां बच्चों को एक ही परिसर में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई उपलब्ध कराई जाएगी।
39 जिलों में शुरू हुआ निर्माण
शासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक 39 जनपदों में कंपोजिट स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है या जल्द शुरू होने जा रहा है। शेष जिलों में भी आगामी महीनों में निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ये स्कूल नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विकसित किए जा रहे हैं।
क्या होते हैं कंपोजिट स्कूल?
कंपोजिट स्कूल वे संस्थान होते हैं जहां एक ही परिसर में बुनियादी (Primary), माध्यमिक (High School) और उच्च माध्यमिक (Intermediate) स्तर की पढ़ाई की व्यवस्था होती है। इसका मकसद है कि छात्र एक स्थिर और निरंतर शैक्षिक वातावरण में पढ़ सकें और बार-बार स्कूल बदलने की जरूरत न पड़े।
स्कूलों की विशेषताएं
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आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर: स्मार्ट क्लासरूम, साइंस लैब, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय और खेल मैदान
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बालिकाओं के लिए सुरक्षित माहौल, अलग शौचालय और स्वास्थ्य सुविधाएं
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डिजिटल लर्निंग की व्यवस्था
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कुशल और प्रशिक्षित शिक्षक सभी वर्गों के लिए
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सांस्कृतिक और सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए विशेष केंद्र
बच्चों को मिलेगा स्थायित्व और गुणवत्ता
इन कंपोजिट स्कूलों से छात्रों को लगातार एक ही स्थान पर शिक्षा मिलने का लाभ मिलेगा, जिससे वे मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक सुरक्षित और स्थिर महसूस करेंगे। साथ ही, सरकार का मानना है कि गुणवत्ता शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा क्योंकि इन संस्थानों को विशेष संसाधनों और प्रशिक्षित शिक्षकों से सुसज्जित किया जाएगा।
शिक्षा विभाग का बयान
बेसिक शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के हर बच्चे को गुणवत्ता पूर्ण, समावेशी और सुलभ शिक्षा मिले। कंपोजिट स्कूल इसी दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इनसे न केवल ड्रॉपआउट रेट कम होगा, बल्कि बच्चों में शिक्षा के प्रति दीर्घकालिक रुचि भी बढ़ेगी।”