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देव दिवाली में घाटों पर पान-गुटखा थूकने वालों पर हर्जाना, प्रशासन ने किया सख्त इंतजाम

देव दिवाली में घाटों पर पान-गुटखा थूकने वालों पर हर्जाना, प्रशासन ने किया सख्त इंतजाम

बनारस में देव दिवाली की भव्य तैयारी जोरों पर है। सरकार और प्रशासन इस पर्व की भव्यता को बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। बनारस के सभी चौरासी घाटों पर लाखों दीयों की सजावट की गई है और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु काशी में दर्शन के लिए पहुंचे हैं।

लेकिन पर्व की इस रौनक के बीच घाटों की सफाई और स्वच्छता बनाए रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। खासकर पान-गुटखा खाने और घाट किनारे थूकने वालों की समस्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इसे देखते हुए नगर निगम ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि घाटों पर पान-गुटखा खाने और थूकने वालों पर हर्जाना लगाया जाएगा। इस नियम का पालन कराने के लिए नगर निगम की टीम प्रमुख घाटों पर सतर्कता के साथ तैनात है। टीम निगरानी कर रही है कि कोई भी श्रद्धालु या स्थानीय निवासी स्वच्छता नियमों का उल्लंघन न करे।

नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि घाटों की साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कदम जरूरी है। इस तरह की सख्ती से घाटों पर स्वच्छ और सुंदर माहौल बनाए रखने में मदद मिलेगी और देव दिवाली की भव्यता और श्रद्धा दोनों सुरक्षित रहेंगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि पान-गुटखा और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना न सिर्फ स्वच्छता के लिए खतरा है, बल्कि पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी नुकसानदेह है। प्रशासन का यह कदम जनता में जागरूकता फैलाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अहम साबित होगा।

देव दिवाली के समय घाटों पर लाखों दीयों की रोशनी, श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक उत्साह के बीच, प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि घाट स्वच्छ और व्यवस्थित रहें। इसके लिए हर्जाना जैसे नियम का सहारा लिया गया है, ताकि हर व्यक्ति नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित हो। इस तरह बनारस प्रशासन ने देव दिवाली को स्वच्छ, सुरक्षित और भव्य बनाने के लिए हर संभव इंतजाम कर दिए हैं। श्रद्धालु और स्थानीय लोग भी इस प्रयास में सहयोग करें, तो घाटों की सुंदरता और महात्म्य दोनों और अधिक निखरकर सामने आएंगे।

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