सीएम योगी की छात्रों को सीख: पढ़ाई के साथ बढ़ाएं संस्कार, राष्ट्र के प्रति रहें जिम्मेदार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, जिम्मेदारी और सामाजिक जागरूकता का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि माता-पिता, गुरुजनों, समाज और राष्ट्र के प्रति सम्मान और जवाबदेही का भाव भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “राजकीय या सामाजिक संपत्ति किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की होती है। ऐसे में अगर कोई उसे नुकसान पहुंचाता है, तो चुप मत रहिए। अगर टोक नहीं सकते, तो आज मोबाइल का जमाना है—वीडियो बनाइए, उसे वायरल कीजिए।"
उन्होंने आगे कहा कि “ऐसे तत्वों के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे, उनके पोस्टर लगाएंगे और उनसे वसूली भी की जाएगी।” सीएम योगी का यह बयान खासकर युवाओं और छात्रों के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि अब समाज के प्रति सजग नागरिक की भूमिका निभाना भी उनकी जिम्मेदारी है।
संस्कार और समाज के प्रति चेतना पर बल
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री या नौकरी पाना नहीं, बल्कि एक ऐसा नागरिक बनना है जो समाज, संस्कृति और राष्ट्र की बेहतरी के लिए कार्य करे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने साथियों, माता-पिता, और शिक्षकों के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए, जिससे वे न सिर्फ एक अच्छे विद्यार्थी, बल्कि एक श्रेष्ठ इंसान बन सकें।
सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा को बताया नैतिक कर्तव्य
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक संपत्ति को समाज की अमानत बताया और कहा कि बसों, ट्रेनों, स्कूलों, पार्कों या सड़कों को नुकसान पहुंचाना एक सामाजिक अपराध है। उन्होंने अपील की कि छात्र ऐसे किसी भी व्यवहार को सहन न करें।
"अगर कोई सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है, और आप कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम वीडियो बनाएं, सरकार तक पहुंचाएं। हम ऐसे लोगों को पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।"
डिजिटल युग के छात्रों से उम्मीदें
सीएम योगी ने कहा कि आज का युवा डिजिटल तकनीक से लैस है। ऐसे में उसे समाज के प्रति अपनी जवाबदेही और नैतिक भूमिका को और बेहतर तरीके से निभाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें और समाज में सजग नागरिक की भूमिका निभाएं।