गोरखनाथ मंदिर पहुंचे सीएम योगी, कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह में होंगे मुख्य अतिथि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार दोपहर को अपने संसदीय क्षेत्र और गृह जनपद गोरखपुर पहुंचे। यहाँ उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में विधिवत पूजन और हवन किया। मुख्यमंत्री योगी का यह दौरा धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गोरखनाथ मंदिर में हर वर्ष की तरह इस बार भी पारंपरिक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर से नामी पहलवानों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और विजेता पहलवानों को सम्मानित भी करेंगे। उनके इस आगमन से मंदिर परिसर और स्थानीय खेल समुदाय में उत्साह का माहौल है।
गोरखनाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि योगी आदित्यनाथ की निजी आस्था और राजनीति का आधार भी है। मुख्यमंत्री बनने से पहले वे इसी मठ के महंत थे और आज भी उनकी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना और स्थानीय लोगों से संवाद रहता है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं और आम जनता के लिए भी यातायात व्यवस्था को नियंत्रित किया गया है ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो सके।
मुख्यमंत्री के दौरे का एक और प्रमुख आकर्षण मंदिर में पारंपरिक वैदिक विधि से हवन और पूजन रहा। योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के पुजारियों के साथ मिलकर धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए पूजा संपन्न की। यह पूजा न सिर्फ आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करती है।
बताया जा रहा है कि बुधवार को मुख्यमंत्री लखनऊ लौट जाएंगे। हालांकि, गोरखपुर प्रवास के दौरान वे अन्य प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की भी संभावना है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर गोरखपुर का दौरा करते रहते हैं और हर बार स्थानीय जनता से संवाद, धार्मिक आयोजनों में भागीदारी तथा विकास कार्यों की समीक्षा उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहती है। इस बार भी उनका यह दौरा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि खेलों को प्रोत्साहन देने और पारंपरिक संस्कृति को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है।
गोरखपुर के लोग मुख्यमंत्री की उपस्थिति को लेकर बेहद उत्साहित हैं और मंदिर परिसर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं और पहलवानों की भीड़ उमड़ रही है।

