चित्रकूट में नाम के 'सिंह' पर विवाद बना हत्या का कारण, अधेड़ की पीट-पीटकर हत्या, तीन घायल

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से एक सनसनीखेज और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां नाम में 'सिंह' लिखने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। बुधवार रात को हुए इस घटनाक्रम में तीन लोगों ने मिलकर एक अधेड़ व्यक्ति की लाठियों से पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी। इस हमले में मृतक के तीन रिश्तेदार भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना चित्रकूट जिले के [गाँव का नाम] गांव की बताई जा रही है, जहां पीड़ित पक्ष और आरोपी एक ही मोहल्ले में रहते हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विवाद की शुरुआत कुछ दिनों पहले हुई थी जब मृतक ने अपने नाम के आगे ‘सिंह’ जोड़ लिया था। इसी बात को लेकर पड़ोसी पक्ष आपत्ति जता रहा था और कह रहा था कि यह ‘सिंह’ उपनाम केवल कुछ खास जातियों तक सीमित है। यह जातिगत अहंकार और वर्चस्व की लड़ाई धीरे-धीरे बढ़ती गई।
बुधवार की रात को जब मृतक व्यक्ति अपने घर के बाहर बैठा था, तभी तीन हमलावर लाठियों से लैस होकर वहां पहुंचे और उस पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। मृतक की पहचान [मृतक का नाम] (उम्र लगभग 50 वर्ष) के रूप में हुई है। हमला इतना अचानक और तेज था कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
हमले की आवाज सुनकर घर के अन्य सदस्य दौड़े, जिनमें मृतक के दो भतीजे और एक भाई शामिल थे। हमलावरों ने उन्हें भी नहीं बख्शा और सभी पर लाठियों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। प्रथम दृष्टया मामला जातिगत दुर्भावना और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा प्रतीत होता है।
गांव में इस घटना के बाद तनाव का माहौल है। प्रशासन ने एहतियातन गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि किसी प्रकार की और अनहोनी न हो। वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक सवाल खड़ा करती है कि क्या आज भी उपनाम, जाति और सामाजिक पहचान के नाम पर जान ली जा सकती है? पुलिस ने पीड़ित परिवार की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।