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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान: "एक पार्टी ने नकल को बना दिया था जन्मसिद्ध अधिकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान: "एक पार्टी ने नकल को बना दिया था जन्मसिद्ध अधिकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकारों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक ऐसा दौर भी आया जब "नकल" को छात्रों का जन्मसिद्ध अधिकार मान लिया गया था। मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इसका खामियाजा प्रदेश की युवाशक्ति, नागरिकों और समूचे विकास ने भुगता।

कल्याण सिंह की सरकार का उदाहरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार थी, तब राजनाथ सिंह (वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री) प्रदेश के शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने नकल को रोकने के लिए बेहद कड़े और साहसिक कदम उठाए थे। योगी ने कहा, “उस समय शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में वास्तविक कार्य हुआ था, जो आगे चलकर कई सकारात्मक परिणामों का कारण बना।”

‘नकलमुक्त उत्तर प्रदेश’ की मुहिम

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार भी नकल के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति पर काम कर रही है। हाल ही में आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए डिजिटल निगरानी, सीसीटीवी कैमरे, और फ्लाइंग स्क्वॉड्स जैसे कदम उठाए गए। इन प्रयासों की वजह से इस बार की परीक्षाएं अब तक की सबसे पारदर्शी और निष्पक्ष मानी जा रही हैं।

विपक्ष पर सीधा हमला

बिना किसी पार्टी का नाम लिए मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रदेश में एक ऐसी भी पार्टी रही है जिसने नकल करने की सार्वजनिक घोषणा तक कर दी थी।" उन्होंने यह भी कहा कि जब शासन का उद्देश्य सिर्फ सत्ता में बने रहना हो और युवाओं के भविष्य की चिंता न की जाए, तब ऐसे ही हालात पैदा होते हैं।

योगी आदित्यनाथ के इस बयान को आगामी चुनावों से पहले एक राजनीतिक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसमें वे युवाओं को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा सरकार उनकी शिक्षा और करियर को लेकर गंभीर है।

शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश की पहचान शिक्षा, कौशल और तकनीकी दक्षता के लिए बने, न कि नकल और भ्रष्टाचार के लिए। उन्होंने कहा कि ईमानदार प्रयासों से ही प्रदेश को "उद्यमिता का हब" बनाया जा सकता है।

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