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चार वीडियो-चार छात्राओं ने उजागर की प्रोफेसर की करतूत, चार्जशीट दाखिल, 27 जून को सुनवाई

चार वीडियो-चार छात्राओं ने उजागर की प्रोफेसर की करतूत, चार्जशीट दाखिल, 27 जून को सुनवाई

पीसी बागला महाविद्यालय के प्रोफेसर रजनीश कुमार, जो छात्रों के यौन शोषण के गंभीर आरोपों में घिरे हुए हैं, के खिलाफ न्यायालय में दाखिल चार्जशीट अब सत्र न्यायालय में भेज दी गई है। इस मामले की सुनवाई आगामी 27 जून को सत्र न्यायालय में होगी।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला तब सामने आया जब महाविद्यालय की चार छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर रजनीश कुमार ने उन्हें शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार बनाया। पुलिस ने इस मामले में चार वीडियो रिकॉर्डिंग और चार पीड़ित छात्राओं के बयान के आधार पर प्रोफेसर को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें आरोपी बना दिया और मामले की विस्तृत जांच की। इस मामले में वीडियो साक्ष्य और पीड़ित छात्राओं के बयान पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य बने, जिसके आधार पर प्रोफेसर के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं।

सत्र न्यायालय में होगी सुनवाई

अब, यह मामला सत्र न्यायालय में पहुंच चुका है और 27 जून को सुनवाई निर्धारित की गई है। न्यायालय में मामले की पूरी जांच और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए विधिक प्रक्रिया के तहत सुनवाई की जाएगी।

कॉलेज प्रशासन का बयान

कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में कहा है कि इस प्रकार के आरोप कॉलेज की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं, और उन्होंने अधिकारियों से पूरी तरह से सहयोग करने की बात की है। साथ ही, प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण

इस मामले में कई सामाजिक और कानूनी मुद्दे उठ रहे हैं। सबसे पहले, यौन शोषण के मामलों में आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और समाज में ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता फैल सके। इस मामले में पीड़ित छात्राओं के साहस और पुलिस द्वारा किए गए उचित कदमों ने इस गंभीर मामले को सार्वजनिक किया है।

आगे की कार्रवाई

अब मामले की सटीक सुनवाई और आरोपों की जांच अदालत द्वारा की जाएगी। समाज और शिक्षा जगत में इस घटना ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार का शोषण, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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