शुकतीर्थ पहुंचे चंद्रशेखर, बोले - कौशांबी जाने से रोका जाना साजिश, कमजोरों पर थोपे जा रहे हिंसा के आरोप

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद सोमवार को शुकतीर्थ स्थित सतगुरु रविदास-सतगुरु समनदास आश्रम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कौशांबी दौरे पर रोक लगाने को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश है।
चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें कौशांबी जाने से जानबूझकर रोका गया और इसके विरोध में जो घटनाएं हुईं, उनकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन और सरकार की है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा के नाम पर कार्रवाई करते हुए उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जो पहले से ही सामाजिक रूप से कमजोर हैं। "जिन्हें न्याय मिलना चाहिए, उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है। यह सरकार की दोहरी नीति को उजागर करता है," चंद्रशेखर ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि यह मामला केवल राजनीतिक रोक-टोक का नहीं, बल्कि सामाजिक उत्पीड़न का भी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी कमजोर और पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय नहीं होने देगी और लोकतांत्रिक तरीके से इसके खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी।
इस मौके पर आश्रम में मौजूद साधु-संतों ने भी बीते दिनों हुए एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर उन्हें उचित सम्मान न दिए जाने को लेकर नाराजगी जताई। संतों ने कहा कि समाज के सम्मानित संतों और धार्मिक संस्थाओं को राजनीतिक मंच पर नजरअंदाज किया जा रहा है, जो संत परंपरा और सम्मान के खिलाफ है।
आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय अनुयायी और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। चंद्रशेखर के दौरे को देखते हुए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए थे। शुकतीर्थ और आसपास के क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
चंद्रशेखर ने आश्रम में सतगुरु रविदास और सतगुरु समनदास जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया और उनके विचारों को आज के समय में बेहद प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि आज जब समाज में असमानता, अन्याय और जातिगत भेदभाव फैला हुआ है, ऐसे में संतों के दिखाए मार्ग पर चलना और सामाजिक एकता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
कुल मिलाकर, चंद्रशेखर के शुकतीर्थ दौरे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल जरूर पैदा कर दी है। जहां एक ओर वे अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं, वहीं साधु-संतों की नाराजगी भी राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है।