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चचकरपुर डाकघर घोटाला, ग्राहक के खाते से निकाले गए 8 लाख, पोस्टमास्टर निलंबित, एफआईआर की तैयारी

चचकरपुर डाकघर घोटाला: ग्राहक के खाते से निकाले गए 8 लाख, पोस्टमास्टर निलंबित, एफआईआर की तैयारी

चचकरपुर डाकघर में ग्राहक के खाते से 8 लाख रुपये की अनियमित निकासी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पोस्टमास्टर मारुति दीक्षित पर गबन का आरोप सिद्ध होते ही उन्हें निलंबित कर दिया गया है, और अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है। विभाग ने आरोपी से पूरी राशि की वसूली कर ली है।

क्या है पूरा मामला?

डाकघर में खाता धारक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके खाते से बिना जानकारी और अनुमति के 8 लाख रुपये निकाले गए हैं। शिकायत के बाद डाक विभाग की प्राथमिक जांच में पता चला कि यह निकासी पोस्टमास्टर मारुति दीक्षित की संलिप्तता से हुई है।

सूत्रों के अनुसार, पोस्टमास्टर ने फर्जी दस्तावेजों और पहचान का दुरुपयोग कर निकासी को अंजाम दिया, जो सीधे तौर पर गबन की श्रेणी में आता है।

आठ लाख रुपये की वसूली के बाद भी कार्रवाई जारी

प्रवर डाक अधीक्षक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी पोस्टमास्टर से आठ लाख रुपये की पूरी राशि वसूल ली गई है, लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं होता। चूंकि यह एक गंभीर वित्तीय अनियमितता है, इसलिए अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित

मामले की गहराई से जांच के लिए विभाग ने पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति पूरे प्रकरण की वित्तीय और तकनीकी जांच कर रही है। अधीक्षक श्रीवास्तव के अनुसार,

"यदि जांच के दौरान अन्य किसी कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

इस घटना ने डाकघरों में जमा ग्राहकों की आर्थिक सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बड़ी संख्या में लोग डाकघर में अपनी जीवनभर की पूंजी जमा करते हैं, ऐसे में इस तरह की घटनाएं भरोसे को कमजोर करती हैं।

विभाग की सख्त कार्रवाई की पहल

डाक विभाग ने इस मामले को गंभीर वित्तीय अपराध मानते हुए निलंबन, वसूली, और संभावित आपराधिक कार्रवाई की तीनों प्रक्रियाएं एक साथ शुरू की हैं, ताकि ऐसे मामलों में दूसरे कर्मचारियों को भी कड़ा संदेश जाए।

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