पूर्व एमएलसी और भाजपा नेत्री डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के मेडिकल कॉलेज पर CBI का छापा, फैकल्टी घोटाले की जांच तेज

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में मंगलवार को सीबीआई (CBI) की टीम ने पूर्व एमएलसी और भाजपा नेत्री डॉक्टर सरोजिनी अग्रवाल के खरखौदा स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज और उनके आवास पर छापेमारी की कार्रवाई की। इस छापेमारी से स्थानीय राजनीतिक और शैक्षिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
क्या है मामला?
सीबीआई को मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, एनसीआर मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की नियुक्तियों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। कॉलेज में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के मानकों के अनुसार फैकल्टी सदस्यों की संख्या पूरी नहीं थी, बावजूद इसके कॉलेज प्रशासन ने फर्जी दस्तावेजों और रिकॉर्ड के जरिए इन आंकड़ों को कागजों में सही दिखाने की कोशिश की।
मेडिकल कॉलेज में फर्जीवाड़े की आशंका
सूत्रों के अनुसार, यह भी संदेह है कि कॉलेज ने फैकल्टी और स्टाफ की उपस्थिति के फर्जी रिकॉर्ड, नकली प्रमाणपत्र, और फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर मान्यता लेने या बनाए रखने की कोशिश की। इसी संदर्भ में सीबीआई ने छानबीन तेज करते हुए कॉलेज परिसर के विभिन्न विभागों, दस्तावेजों और सर्वर डेटा की जांच की।
डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के आवास पर भी छापा
CBI की एक अन्य टीम ने डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के निजी आवास पर भी दस्तावेजी जांच की। टीम ने वहां मौजूद डिजिटल डिवाइस, हार्ड ड्राइव, बैंक स्टेटमेंट और महत्वपूर्ण कागजातों को जब्त किया है। हालांकि इस दौरान डॉ. अग्रवाल या उनके परिजनों द्वारा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया।
राजनीतिक हलकों में खलबली
डॉ. सरोजिनी अग्रवाल एक वरिष्ठ भाजपा नेत्री और पूर्व विधान परिषद सदस्य रही हैं। उनके कॉलेज पर इस तरह की कार्रवाई से स्थानीय भाजपा इकाई और राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
सीबीआई की जांच जारी
सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गई गुप्त शिकायतों के आधार पर की जा रही है। जांच पूरी होने तक कॉलेज के अकादमिक और प्रशासनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है।
एक अधिकारी ने बताया:
"मेडिकल कॉलेजों में इस तरह की अनियमितताएं सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा प्रणाली के लिए गंभीर खतरा हैं। जांच पूरी निष्पक्षता और साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है।"