इटावा में कथावाचक प्रकरण से बढ़ा जातीय तनाव, पुलिस की हवाई फायरिंग और पथराव, सपा ने बताया 2027 चुनाव का मुद्दा

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव के खिलाफ दर्ज मुकदमे ने अचानक जातीय तनाव का रूप ले लिया है। बुधवार को हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी और 12 थानों की फोर्स मौके पर तैनात करनी पड़ी। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया, सड़कों पर चक्का जाम कर दिया और पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया।
घटना ने अब सिर्फ इटावा तक सीमित न रहकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है और इसे सीधे तौर पर 2027 के विधानसभा चुनाव से जोड़ रही है। सपा नेताओं का कहना है कि यह घटना न केवल एक धार्मिक व्यक्ति का अपमान है, बल्कि यादव समाज के साथ सत्ता द्वारा किया जा रहा जातीय अन्याय भी है।
क्या है मामला?
मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव पर दर्ज एक विवादित मुकदमे के बाद गांव में तनाव फैल गया था। कथित तौर पर उनके साथ सामाजिक और प्रशासनिक बदसलूकी की गई थी, जिसमें उनका सिर मुंडवाया गया और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। इस घटना के विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह कार्रवाई सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि वे एक खास जाति से आते हैं, जबकि उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच पूरी तरह निष्पक्ष नहीं हुई। भीड़ के उग्र होने पर पुलिस को हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। बावजूद इसके, उपद्रव जारी रहा और कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
राजनीतिक तूल पकड़ता मामला
समाजवादी पार्टी ने इस मामले को तुरंत लपक लिया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे "जातीय उत्पीड़न की शर्मनाक मिसाल" करार देते हुए कहा कि बीजेपी सरकार जातिगत भेदभाव के आधार पर कार्रवाई कर रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सपा इस प्रकरण को यादव वोटबैंक को पुनः सक्रिय करने के एक प्रमुख अवसर के रूप में देख रही है और इसे 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान का हिस्सा बना सकती है।
प्रशासन की सख्ती
इधर, प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने अब तक कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया है और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। प्रशासन का यह भी कहना है कि जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है और किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा।