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फ्लैट और जमीन खरीदना होगा महंगा, प्रशासन ने जारी किया नया सर्किल रेट का मसौदा, 17 जुलाई तक मांगी गई आपत्तियां

फ्लैट और जमीन खरीदना होगा महंगा, प्रशासन ने जारी किया नया सर्किल रेट का मसौदा, 17 जुलाई तक मांगी गई आपत्तियां

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फ्लैट और जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों को झटका लग सकता है, क्योंकि जिला प्रशासन ने मंगलवार को नए डीएम सर्किल रेट का प्रस्तावित मसौदा जारी कर दिया है। इस मसौदे के अनुसार, फ्लैट के रेट में 20% तक की वृद्धि की जाएगी, जिससे रियल एस्टेट बाजार में हलचल तेज हो गई है।

कौन-कौन से इलाके होंगे ज्यादा महंगे?

प्रस्ताव के मुताबिक, गोमती नगर, जो कि लखनऊ का सबसे पॉश और विकसित इलाका माना जाता है, वहां जमीन की कीमत 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच जाएगी। वहीं, महानगर क्षेत्र में जमीन की दरें 65,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक निर्धारित की गई हैं।

इससे न केवल फ्लैट या मकान खरीदना महंगा होगा, बल्कि रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी भी अधिक देनी पड़ेगी, जिससे कुल खर्च में काफी बढ़ोतरी होगी।

17 जुलाई तक आपत्तियां दर्ज कराने का मौका

प्रशासन ने आम जनता और स्टेकहोल्डर्स को राहत देते हुए कहा है कि यह सर्किल रेट फिलहाल प्रस्तावित हैं, और 17 जुलाई 2025 तक इस पर आपत्तियां या सुझाव भेजे जा सकते हैं। इसके बाद सभी आपत्तियों की समीक्षा कर अंतिम सर्किल रेट अधिसूचित किए जाएंगे।

क्यों की गई सर्किल रेट में वृद्धि?

जिला प्रशासन के अनुसार, लखनऊ में रियल एस्टेट की बाजार दरें पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गई हैं, लेकिन सर्किल रेट पुराने बने हुए थे। इस अंतर को कम करने के लिए नया सर्किल रेट तय करना जरूरी था, जिससे राजस्व वृद्धि के साथ-साथ संपत्ति की वास्तविक कीमत के अनुरूप कर निर्धारण किया जा सके।

रियल एस्टेट सेक्टर की प्रतिक्रिया

प्रॉपर्टी डीलरों और बिल्डरों ने इस प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ का कहना है कि इससे सरकारी आय बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी, वहीं कुछ का मानना है कि इससे रियल एस्टेट की बिक्री पर असर पड़ सकता है।

एक स्थानीय बिल्डर ने कहा:

"20% की बढ़ोतरी आम खरीदार के लिए बोझ साबित हो सकती है। उम्मीद है प्रशासन सुझावों पर विचार करेगा।"

क्या होगा असर?

  • फ्लैट की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे मध्यम वर्ग पर सीधा असर होगा।

  • रजिस्ट्री के खर्च में वृद्धि होगी।

  • जिन इलाकों में पहले से ही जमीन महंगी है, वहां निवेश कम हो सकता है

  • साथ ही, अवैध रूप से कीमतें छिपाने की प्रवृत्ति पर नकेल कसी जा सकेगी।

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