ईवी खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन का रिफंड पाने को भटक रहे खरीदार, पैसा वापस करने का है प्रावधान

ये सिर्फ दो मामले नहीं हैं, बल्कि जिले में ऐसे 50 मामले हैं, जिनमें खरीदार ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा था, लेकिन पंजीकरण छूट के 1.35 करोड़ रुपये वापस नहीं किए गए हैं। इस पैसे को पाने के लिए वाहन खरीदार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के चक्कर लगा रहा है। सरकार की नीति है कि ईवी खरीदने पर खरीदार को पंजीकरण का पैसा वापस मिल जाएगा। विभाग का दावा है कि उनकी ओर से कोई गलती नहीं है। मुख्यालय स्तर पर औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। इन सबके बीच खरीदारों को उनका पैसा वापस मिलना ही है। ईवी के 50 मामले हैं। उनके रिफंड के लिए हमारे स्तर पर कोई प्रक्रिया लंबित नहीं है। मुख्यालय स्तर से काम होना बाकी है। इसके अलावा हमने हाइब्रिड के सभी 15 मामलों में 2.89 लाख रुपये प्रति वाहन की दर से पैसा वापस कर दिया है। - प्रवेश कुमार, एआरटीओ, प्रशासन
मामले
केस-1- एक साल से रिफंड के लिए चक्कर
दुबेना पड़ाव निवासी शिवम गुप्ता ने मार्च 2024 में ईवी कार खरीदी थी। ईवी खरीदने पर रजिस्ट्रेशन में सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी पाने के लिए वे एक साल से प्रयास कर रहे हैं। उन्हें वाहन की कुल कीमत का 11 प्रतिशत, रजिस्ट्रेशन के रूप में विभाग को दिया गया पैसा वापस लेना होगा। मुख्यालय से प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है, जिससे रिफंड नहीं हो पा रहा है।
केस-2- मुख्यालय पहुंची बिलिंग, रिफंड स्वीकृत नहीं
मसूदाबाद निवासी बैटरी उद्योगपति विपुल गुप्ता ने दिसंबर 2024 में इनोवा कार खरीदी थी। उनकी बिलिंग लखनऊ स्थित मुख्यालय पहुंच गई है। रिफंड की मंजूरी नहीं आई है। यह मंजूरी लखनऊ के कोषागार और वहां के एसबीआई से आएगी, जिसके बाद स्थानीय आरटीओ कार्यालय में प्रक्रिया शुरू होगी। लखनऊ कोषागार से रिफंड किया जाएगा।
रिफंड की यह है प्रक्रिया
वाहन एजेंसी की ओर से ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा, स्थानीय आरटीओ मामले को राज्य मुख्यालय भेजेगा। मुख्यालय कोषागार और एसबीआई से मंजूरी मिलने के बाद खरीदार को रिफंड मिल जाएगा।
हाइब्रिड का रिफंड पाने के लिए हाईकोर्ट की दौड़ लगानी पड़ी
जिले में हाइब्रिड वाहन खरीदने के 15 मामले ऐसे हैं, जिनका रिफंड पाने के लिए खरीदार को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा। स्थानीय संभागीय परिवहन विभाग ने सिस्टम की गलती से वाहन के मूल्य के हिसाब से टैक्स वसूल लिया था। बाद में वाहन खरीदार ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसके बाद पैसा वापस करने का आदेश जारी हुआ।
आदेश के बाद भी पैसा पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी
मैरिस रोड निवासी पूनम अग्रवाल ने जून 2024 में इनोवा हाईक्रॉस कार खरीदी थी। इस पर उन्होंने 3.24 लाख रुपये रजिस्ट्रेशन टैक्स चुकाया था। पूनम को जब पता चला कि सरकार ऐसे वाहनों पर रजिस्ट्रेशन में रियायत दे रही है तो उन्होंने विभाग में दावा दायर किया, लेकिन राहत नहीं मिली। उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो विभाग को सितंबर 2024 में पैसे लौटाने का आदेश मिला। मई 2025 में पैसे वापस मिले। इसी तरह रामघाट रोड निवासी वंदना अग्रवाल ने जून 2024 में इनोवा इनविटो कार खरीदी। उन पर 2.85 लाख रुपए टैक्स लगा। इसे वापस पाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अक्टूबर 2024 में आदेश जारी हुआ। मई 2025 में पैसे मिले।