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कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, 2018 में बेटे की भी हुई थी हत्या

कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, 2018 में बेटे की भी हुई थी हत्या

बिहार की राजधानी पटना शुक्रवार रात एक सनसनीखेज वारदात से दहल गई। राज्य के जाने-माने कारोबारी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र के अंतर्गत पनास होटल के पास स्थित उनके अपार्टमेंट के बाहर हुई, जब वे क्लब से लौटकर घर पहुंचे थे।

घटनाक्रम ऐसे unfolded हुआ

मिली जानकारी के अनुसार, रात करीब साढ़े 11 बजे गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब से लौटे थे। जैसे ही वे अपनी कार से उतरकर अपार्टमेंट की ओर बढ़े, घात लगाए बदमाशों ने उन्हें नजदीक से गोली मार दी। हमलावर वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। गोपाल खेमका को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पहले बेटे की भी हो चुकी है हत्या

यह पहला मौका नहीं है जब खेमका परिवार को इस तरह की त्रासदी का सामना करना पड़ा हो। 20 दिसंबर 2018 को हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में गोपाल खेमका के बेटे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले में भी अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल उठे थे।

कौन थे गोपाल खेमका?

गोपाल खेमका पटना के प्रमुख उद्यमियों में गिने जाते थे। वे मगध अस्पताल के मालिक होने के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे। उनकी छवि एक सक्रिय कारोबारी और समाजसेवी के रूप में रही है। इस नृशंस हत्या से कारोबारी और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

पुलिस जांच में जुटी

घटना के बाद पटना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। पटना के एसएसपी और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से पूछताछ की।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और कानून-व्यवस्था पर सवाल

घटना के बाद राजनीतिक दलों और स्थानीय नेताओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष ने नीतीश सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है और कहा है कि राजधानी में अगर व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे होगी?

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