सूफी टोला में सपा नेताओं के हॉल पर बुलडोजर का तीसरा दिन, बीडीए की कार्रवाई जारी
सूफी टोला इलाके में सपा नेताओं सरफराज वली खान और राशिद खां के ऐवान-ए-फरहत व गुड मैरिज हॉल पर बृहस्पतिवार को भी बुलडोजर चलाने की कार्रवाई जारी रही। यह कार्रवाई लगातार तीसरे दिन सुबह 11:30 बजे शुरू हुई, जब बीडीए के दो बुलडोजर हॉल पर प्रहार करने लगे।
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के अनुसार, बुलडोजर के चलने के दौरान हॉल में काफी हंगामा मचा और मौके पर मौजूद लोग सकते में आ गए। इसी बीच, बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार का मोबाइल फोन भी बजा, जिससे कार्यवाही के बीच थोड़ी देर के लिए कार्रवाई में रुकावट आई।
सूत्रों के अनुसार, बीडीए की यह कार्रवाई उन अवैध निर्माणों को हटाने के लिए की जा रही है, जिनके खिलाफ प्रशासन ने पहले चेतावनी जारी की थी। हॉल मालिकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दस्तावेजी कार्यवाही पूरी होने के बावजूद अचानक यह कार्रवाई की जा रही है, जिससे विवाद बढ़ गया है।
पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर तैनात रही, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। आसपास के व्यवसायियों और स्थानीय लोगों ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई के कारण क्षेत्र में अव्यवस्था फैल गई और आवाजाही प्रभावित हुई।
बीडीए अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई नियम और कानूनी प्रावधानों के तहत की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी गलत तरीके से परेशान नहीं किया जा रहा, बल्कि अवैध निर्माण हटाने के लिए प्रशासन मजबूर है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी पक्षों को उचित नोटिस और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही यह कार्रवाई की जा रही है।
सपा नेताओं और हॉल मालिकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि बिना पर्याप्त नोटिस और बातचीत के बुलडोजर चलाना अनुचित है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की जा रही है।
इस पूरे मामले ने बरेली में चर्चा का विषय बना दिया है। नागरिक और स्थानीय व्यापारी प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि अवैध निर्माण हटाने के साथ-साथ क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवधान रहित माहौल बनाए रखा जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामले संवेदनशील होते हैं और कार्रवाई के दौरान सभी कानूनी प्रावधानों और सामाजिक पहलुओं का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि कार्रवाई करते समय संवाद और पारदर्शिता बनाए रखे, ताकि विवाद और बढ़ने से रोका जा सके।
बरेली के सूफी टोला इलाके में यह मामला अब निगरानी और कानूनी प्रक्रिया की दृष्टि से अहम बन गया है, और अगले कुछ दिनों में इस पर और कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।

