बृजभूषण शरण सिंह का फिर विवादित बयान, एक्सक्लुसीव फुटेज में देखें बाबा रामदेव पर कसा तंज, उनके घी तेल को बताया नकली
उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव का मजाक उड़ाते हुए ऐसा बयान दिया है, जिस पर सियासी और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने एक छात्र के चेहरे पर मुंहासे देखकर अवधी भाषा में टिप्पणी करते हुए कहा— “इ रामदेव का घी निकलत हय।” उनके इस बयान को सीधे तौर पर बाबा रामदेव और उनके उत्पादों पर तंज के रूप में देखा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह टिप्पणी बृजभूषण शरण सिंह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की, जहां वे छात्रों से संवाद कर रहे थे। जैसे ही उन्होंने छात्र के चेहरे पर मुंहासे देखे, उन्होंने यह टिप्पणी कर दी। बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई लोगों ने इसे अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना बताया है।
यह पहली बार नहीं है जब बृजभूषण शरण सिंह ने बाबा रामदेव को लेकर विवादित टिप्पणी की हो। इससे पहले भी वे योग गुरु पर निजी टिप्पणी कर चुके हैं। एक पुराने मामले में बृजभूषण ने बाबा रामदेव को लेकर “काना” जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था, जिस पर काफी बवाल मचा था। उस बयान के बाद बाबा रामदेव के करीबी और उनके उत्तराधिकारी माने जाने वाले आचार्य बालकृष्ण ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
आचार्य बालकृष्ण ने तब बृजभूषण शरण सिंह को कानूनी नोटिस भेजने की चेतावनी दी थी। मामला बढ़ता देख बृजभूषण सिंह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और कहा था कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। हालांकि, ताजा बयान के बाद एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या बृजभूषण सिंह ने अपनी भाषा और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं किया है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसे बयानों से न केवल व्यक्तिगत छवि पर असर पड़ता है, बल्कि पार्टी की भी किरकिरी होती है। बाबा रामदेव देश के बड़े योग गुरु और पतंजलि समूह के संस्थापक हैं, जिनकी देश-विदेश में बड़ी पहचान और समर्थक वर्ग है। ऐसे में उन पर इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकती हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग बृजभूषण शरण सिंह के बयान को मजाक के तौर पर देख रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में यूजर्स ने इसे अशोभनीय बताते हुए कड़ी आलोचना की है। कई लोगों ने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले नेताओं को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए।
फिलहाल बाबा रामदेव या आचार्य बालकृष्ण की ओर से इस ताजा बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, पिछले अनुभवों को देखते हुए माना जा रहा है कि यदि मामला और तूल पकड़ता है तो इस पर प्रतिक्रिया या कानूनी कदम भी उठाए जा सकते हैं।

