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देश के इस राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट! खोदकर दफनाए जा रहे मुर्गे-मुर्गियां, 90 दिन तक चिकन-अण्डों पर बैन 

देश के इस राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट! खोदकर दफनाए जा रहे मुर्गे-मुर्गियां, 90 दिन तक चिकन-अण्डों पर बैन 

देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) ने तहलका मचा दिया है। इसका सबसे ज़्यादा असर उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले में देखने को मिला, जहाँ सीहोर के एक गाँव में स्थित पोल्ट्री फ़ार्म में H5 वायरस के प्रकोप से अब तक लगभग 15,000 मुर्गियों की मौत हो चुकी है। स्थिति इतनी गंभीर है कि मृत पक्षियों को बड़े-बड़े गड्ढों में दफनाया जा रहा है, जबकि पूरे ज़िले में तीन हफ़्ते के लिए चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) और भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (HSADL) को भेजे गए नमूनों में H5 वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद प्रशासन ने प्रभावित पोल्ट्री फ़ार्म के एक किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया है, जबकि 10 किलोमीटर के क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इस दायरे में किसी भी तरह की पोल्ट्री गतिविधियों और पोल्ट्री उत्पादों के परिवहन पर सख्त प्रतिबंध है।

बड़े पैमाने पर मुर्गियों को दफनाया जा रहा है
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए, मृत पक्षियों को बड़े-बड़े गड्ढों में दफनाया जा रहा है। सुरक्षा मानकों के अनुसार, इन गड्ढों को चूने और रसायनों से ढकने की प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है, ताकि वायरस के प्रसार को पूरी तरह से रोका जा सके।

जिला प्रशासन की सख्ती
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम लगातार निगरानी कर रही है। जिला और तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, अफवाहों से बचने और सहयोग करने की अपील की है।

मुख्यमंत्री योगी की सतर्कता और प्रदेशव्यापी सख्ती
बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों, राष्ट्रीय उद्यानों, आर्द्रभूमि और गौशालाओं में अतिरिक्त सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं। उन्होंने सभी स्थानों पर नियमित रूप से सैनिटाइजेशन, पशु-पक्षियों की स्वास्थ्य जाँच और कर्मचारियों को पीपीई किट से लैस करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, पोल्ट्री फार्मों की गहन निगरानी और पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर सख्त नियंत्रण की भी बात कही है।

देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) ने तहलका मचा दिया है। इसका सबसे ज़्यादा असर उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले में देखने को मिला, जहाँ सीहोर के एक गाँव में स्थित पोल्ट्री फ़ार्म में H5 वायरस के प्रकोप से अब तक लगभग 15,000 मुर्गियों की मौत हो चुकी है। स्थिति इतनी गंभीर है कि मृत पक्षियों को बड़े-बड़े गड्ढों में दफनाया जा रहा है, जबकि पूरे ज़िले में तीन हफ़्ते के लिए चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) और भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (HSADL) को भेजे गए नमूनों में H5 वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद प्रशासन ने प्रभावित पोल्ट्री फ़ार्म के एक किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया है, जबकि 10 किलोमीटर के क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इस दायरे में किसी भी तरह की पोल्ट्री गतिविधियों और पोल्ट्री उत्पादों के परिवहन पर सख्त प्रतिबंध है।

बड़े पैमाने पर मुर्गियों को दफनाया जा रहा है
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए, मृत पक्षियों को बड़े-बड़े गड्ढों में दफनाया जा रहा है। सुरक्षा मानकों के अनुसार, इन गड्ढों को चूने और रसायनों से ढकने की प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है, ताकि वायरस के प्रसार को पूरी तरह से रोका जा सके।

जिला प्रशासन की सख्ती
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम लगातार निगरानी कर रही है। जिला और तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, अफवाहों से बचने और सहयोग करने की अपील की है।

मुख्यमंत्री योगी की सतर्कता और प्रदेशव्यापी सख्ती
बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों, राष्ट्रीय उद्यानों, आर्द्रभूमि और गौशालाओं में अतिरिक्त सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं। उन्होंने सभी स्थानों पर नियमित रूप से सैनिटाइजेशन, पशु-पक्षियों की स्वास्थ्य जाँच और कर्मचारियों को पीपीई किट से लैस करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, पोल्ट्री फार्मों की गहन निगरानी और पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर सख्त नियंत्रण की भी बात कही है।

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