जिले में तैनात रहे एक इंस्पेक्टर और चार दरोगा के खिलाफ बुधवार को पीजीआई थाने में गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने झूठे साक्ष्य गढ़ने, साजिश रचने और अन्य गंभीर धाराओं के तहत एक फर्जी केस रचा था।
जानकारी के अनुसार, आरोपी पुलिसकर्मियों ने लगभग पांच साल पहले एक कारोबारी और उसके साथियों को सरिया चोरी के नाम पर फर्जी केस में फंसाया था। उस समय चार अन्य निर्दोष लोगों के साथ उक्त कारोबारी को भी गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि पीड़ित परिवारों ने वर्षों तक न्याय की गुहार लगाई। आरोप है कि उस समय गिरफ्तार किए गए सभी लोग पूरी तरह से निर्दोष थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने मामले में झूठे साक्ष्य पेश कर उन्हें फंसाया। पीड़ितों की शिकायत पर अब इस मामले में आधिकारिक रूप से प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में आरोपी पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इनमें झूठे साक्ष्य गढ़ना, साजिश रचना और निर्दोष लोगों को फंसाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इस मामले में अब पुलिस जांच शुरू हो गई है और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा ऐसे फर्जी मामलों को रचना न सिर्फ आम नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि न्याय व्यवस्था की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर यह संदेश जाएगा कि कानून के संरक्षण में कोई भी अधिकारी स्वतंत्र नहीं है और उसे कानून का पालन करना अनिवार्य है।
बंथरा जिले के नागरिकों ने इस घटना को लेकर प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस तरह के मामलों से जनता का पुलिस और न्याय व्यवस्था पर विश्वास कमजोर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने से भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
वहीं पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच दल का गठन कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी और दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्याय और कानून की रक्षा केवल आम नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि कानून लागू करने वालों के लिए भी जरूरी है। पीड़ित परिवारों ने न्याय की उम्मीद जताई है और प्रशासन से इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने की अपील की है।

