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500 करोड़ में बनने वाले बांके बिहारी कॉरिडोर की नहीं पड़ेगी जरूरत, जानिए इसे लेकर स्थानीय दुकानदारों ने क्या कहा ?

वृंदावन में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य बांके बिहारी के दर्शन के लिए आते हैं। जब से सरकार द्वारा बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की गई है, तब से स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ दुकानदार भी चिंतित हैं। कॉरिडोर निर्माण के बारे में.....
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वृंदावन में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य बांके बिहारी के दर्शन के लिए आते हैं। जब से सरकार द्वारा बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की गई है, तब से स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ दुकानदार भी चिंतित हैं। कॉरिडोर निर्माण के बारे में जब दुकानदारों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि कॉरिडोर निर्माण कोई समाधान नहीं है। अगर मुख्यमंत्री बांके बिहारी मंदिर के पांचों कपाट खोल दें और लोगों को दर्शन करवा दें तो भीड़ की समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने और क्या समस्याएं बताईं, जिनके हल होने से यह समस्या खत्म हो जाएगी, आइए जानते हैं...

बांके बिहार के स्थानीय दुकानदारों के चेहरों पर चिंता की लकीरें वृंदावन को तुलसी का वन कहा जाता है। यहां भगवान बांके बिहारी अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर में विराजमान रहते हैं। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में कभी-कभी आपको कोई दुर्घटना होते हुए दिख जाएगी। बताया जाता है कि दुर्घटना के कारण यहां भीड़ जमा हो जाती है। प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाता रहता है। भीड़ नियंत्रण न होने के कारण यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की और कोर्ट से हरी झंडी मिली, यहां के लोगों में हड़कंप मच गया। बिहारी कॉरिडोर की जद में आने वाले लोगों की दुकानें और मकान तोड़े जाएंगे। प्रशासन लगातार मकान और दुकानों को चिन्हित कर रहा है।

जब लोकल 18 की टीम ने बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण को लेकर वृंदावन के स्थानीय लोगों और दुकानदारों से बात की तो उनके दिल में एक दर्द है। कोई सुनने को तैयार नहीं है। यह कहना है दुकानदारों और स्थानीय लोगों का। बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाली गली नंबर 2 में स्थित दुकानदारों से जब हमने बात की तो दुकानदारों ने बताया कि हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और दुकानें चला रहे हैं। नीचे दुकान है और ऊपर हमारा घर है। अगर वह चला गया तो हमारा क्या होगा? लोकल 18 की टीम ने स्थानीय दुकानदार देवी सिंह और शुभम शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि कॉरिडोर समाधान नहीं है। भीड़ को नियंत्रित करना ही है।

वृंदावन में भगवान बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रस्तावित होते ही स्थानीय दुकानदारों के चेहरों पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। बांके बिहारी मंदिर जाने वाली सड़क पर कारोबार करने वाले व्यापारियों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि अगर मंदिर के सभी गेट खोल दिए जाएं और आवागमन शुरू कर दिया जाए तो यहां भीड़ होने का सवाल ही नहीं उठता। कुछ वीआईपी लोगों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के लिए यहां के दो गेट बंद कर दिए जाते हैं, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 5 दिन तक यह काम करने से यहां कॉरिडोर बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

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