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बलरामपुर में धर्मांतरण के आरोपी की 5 करोड़ की कोठी जमींदोज, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

बलरामपुर में धर्मांतरण के आरोपी की 5 करोड़ की कोठी जमींदोज, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

जिले में धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोपी छांगुर की 5 करोड़ रुपये की आलीशान कोठी आखिरकार प्रशासन द्वारा पूरी तरह से धराशायी कर दी गई। छांगुर ने यह कोठी वर्ष 2022 में नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर बनवाई थी, जिसे धर्मांतरण के कथित नेटवर्क का केंद्र बताया जा रहा था।

प्रशासन ने मंगलवार को इस अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू की थी, जो तीन दिन तक चली। इस बड़े पैमाने की कार्रवाई में कुल 10 बुलडोजर लगाए गए, जो धीरे-धीरे कोठी के विभिन्न हिस्सों को तोड़ते हुए अंततः मुख्य गेट तक पहुँचे। शुक्रवार को अंततः वह मुख्य गेट भी गिरा दिया गया, जिसे सुरक्षा कारणों से बेहद मजबूत बनवाया गया था। बताया जा रहा है कि इस पर संगमरमर की परत चढ़ाई गई थी, जिससे इसका भव्य और मजबूत स्वरूप बना था।

धर्मांतरण का अड्डा बनी कोठी

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह कोठी केवल एक आलीशान निवास नहीं थी, बल्कि कथित तौर पर धर्मांतरण गतिविधियों का गुप्त केंद्र भी थी। छांगुर पर आरोप है कि उसने इस कोठी के माध्यम से कई लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाया और साथ ही देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची। इस पूरे मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस भी कर रही है। कोठी से जब्त किए गए दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच चल रही है।

प्रशासन ने अपनाया ‘जीरो टॉलरेंस’ का रवैया

उत्तर प्रदेश सरकार की 'जीरो टॉलरेंस नीति' के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि धर्मांतरण जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति या राजनीतिक पहुंच कुछ भी हो। बलरामपुर प्रशासन ने इस कार्रवाई को एक संदेश के तौर पर भी देखा है — कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं

स्थानीय नागरिकों में इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। एक ओर जहां कई लोग प्रशासन की सख्ती की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों ने इसे "राजनीतिक स्टंट" करार दिया है। हालांकि अधिकांश नागरिकों ने माना कि अवैध गतिविधियों पर सख्त कदम जरूरी हैं। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि छांगुर और उससे जुड़े लोगों पर कानूनी कार्यवाही कितनी आगे जाती है और क्या इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी जांच की जाएगी।

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