हनुमानगढ़ी को राम मंदिर से जोड़ेगा बजरंग पथ, 290 मीटर लंबे इस रास्ते का 45 फीसदी काम हुआ पूरा

अब रामलला के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालु आसानी से हनुमंतलला के दरबार तक पहुंच सकेंगे। इसके लिए उन्हें लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं होगी। राम जन्मभूमि मार्ग से 290 मीटर की दूरी तय कर श्रद्धालु हनुमानलला के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए भक्ति पथ और राम जन्मभूमि पथ के बीच 290 मीटर लंबा बजरंग पथ बनाया जा रहा है। अब तक 45 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
रामनगरी का सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी भगवान राम के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। अयोध्या में बजरंगबली को राजा के रूप में पूजा जाता है और ऐसा माना जाता है कि हनुमानगढ़ी के दर्शन के बिना अयोध्या की यात्रा अधूरी रहती है। इसीलिए अयोध्या आने वाले 90 प्रतिशत श्रद्धालु हनुमान जी के दरबार में जरूर जाते हैं। इस समय जहां राम मंदिर में प्रतिदिन 70 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, वहीं हनुमानगढ़ी में भी करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए जाते हैं। त्यौहारों और समारोहों के दौरान यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है। बजरंग पथ के निर्माण से श्रद्धालुओं की यात्रा आसान हो जाएगी।
बजरंग पथ को श्रीराम जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ दोनों से जोड़ा जाएगा. श्री राम जन्मभूमि पथ पहले से ही सुग्रीव पथ और राम पथ से जुड़ा हुआ है। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन एसबी सिंह ने बताया कि हनुमानगढ़ी के निकास द्वार से रामजन्मभूमि पथ तक 290 मीटर हिस्से को बजरंग पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। रामलला के दर्शन के बाद श्रद्धालु सीधे बजरंग पथ से होते हुए हनुमानगढ़ी पहुंच सकेंगे, जो श्रीराम जन्मभूमि पथ से सटा हुआ है। इस सड़क को सात मीटर तक चौड़ा किया जा रहा है। भक्तिपथ से हनुमानगढ़ी के निकास द्वार तक यानी 140 मीटर लंबाई का काम पूरा हो चुका है।
भूमि विवाद के कारण सड़क निर्माण कार्य रोका गया
एक्सईएन एसबी सिंह ने बताया कि हनुमानगढ़ी निकास द्वार से रामजन्मभूमि पथ तक 150 मीटर काम बाकी है। भूमि विवाद के कारण यहां काम लंबित है। हनुमानगढ़ी के कई नागा साधुओं ने इस सड़क पर आवासीय व्यवस्था बना ली है। प्रशासनिक टीम भूमि विवाद सुलझाने में जुटी है। जमीन का विवाद सुलझते ही हमें जमीन मिल जाएगी, एक महीने में ही काम पूरा हो जाएगा। अब केवल 55 प्रतिशत काम ही शेष रह गया है।