झारखंड को अस्थिर करने की कोशिश, बेड़ो हिंसा के तार छत्तीसगढ़-एमपी से जुड़े, पुलिस क्यों मान रही खतरे की घंटी

झारखंड की राजधानी रांची के बेड़ो में पुलिस थाने पर हुए हमले और महादानी मंदिर के पास की जमीन पर बाड़बंदी को लेकर लोगों को भड़काने की साजिश कौन कर रहा है? झारखंड पुलिस ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है। अब तक की जांच में पता चला है कि झारखंड को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है और इसके पीछे राज्य से बाहर के लोग भी शामिल हैं। पुलिस को इस संबंध में कुछ सबूत मिले हैं। दरअसल, रांची के बेड़ो थाना क्षेत्र में महादानी मंदिर के पास खाली पड़ी जमीन पर कब्जा करने के लिए आदिवासी समुदाय के लोग जमीन चिह्नित कर रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया। इसके बाद पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। प्रशासन ने 24 घंटे का समय दिया और नोटिस भी चिपकाया, जिसके बाद लोग जमीन से अपनी दुकानें और अन्य सामान हटा रहे हैं। इस संबंध में जब हमने महादानी मंदिर के सचिव और पुजारी से बात की तो उन्होंने कहा कि अब तक हमें यही पता था कि जमीन मंदिर की है। लेकिन, शनिवार को ही पता चला कि यह जमीन पता है। आदिवासी लोग जेसीबी लेकर खुद ही काम कर रहे थे उन्होंने कहा कि जमीन पर कब्जा करने आए ज्यादातर लोग बेड़ो के नहीं बल्कि दूसरे इलाकों के थे और इस दौरान वहां कुछ विवाद भी हुआ था लोगों का कहना है कि उनके घर के सामने मार्किंग कर दी गई है, जिससे उनका रास्ता बंद हो जाएगा। प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए, क्योंकि वे लोग यहां 100 साल से ज्यादा समय से रह रहे हैं। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही किसी सरकारी नुमाइंदे ने यह मार्किंग की। आदिवासी समुदाय से जुड़े लोग जेसीबी लेकर खुद ही काम कर रहे थे, जिसका उन्होंने विरोध किया। 25 नामजद, 250 अज्ञात पर एफआईआर स्थानीय लोगों ने भी माना कि ज्यादातर लोग बाहरी थे। इस बारे में आदिवासी समुदाय के 10 पड़हा समाज के अध्यक्ष सुबोध कुमार लकड़ा ने कहा कि यह जमीन हमारी है और इसीलिए समुदाय ने अपनी संस्कृति को बचाए रखने और उसकी रक्षा के लिए यह कदम उठाया है। हालांकि थाने और हमले के बारे में उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है। पुलिस हिंसक आंदोलन और थाने पर हमला करने वालों की जांच कर रही है। 25 नामजद और 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश कनेक्शन भी सामने आया है
इस मामले में बेड़ो डीएसपी अशोक राम ने बताया कि इसमें शामिल ज्यादातर लोग बाहरी थे। कुछ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के भी हैं और ये लोग समाज के लोगों को तोड़फोड़ और आगजनी के लिए उकसा रहे थे। उन्होंने बताया कि भड़काऊ भाषण भी दिए गए। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। जानकारी के मुताबिक जमीन पर तारबंदी करते समय कई भड़काऊ भाषण दिए गए, जो राज्य के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए सख्त कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।