कन्नौज में असीम अरुण की अनोखी पहल: कचरे की गाड़ी में बैठकर जानी स्वच्छता की असल तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में शुरू किए गए “स्वच्छ भारत अभियान” ने देश भर में सफाई को लेकर जागरूकता की एक नई लहर पैदा की है। इस अभियान का असर अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि गांव-गांव और गली-मोहल्लों तक भी पहुंच गया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कन्नौज में स्वच्छता की स्थिति की जमीनी हकीकत जानने के लिए एक अनोखी पहल की।
कचरे की गाड़ी में बैठकर पहुंचे लोगों के दरवाज़े
स्वच्छ भारत अभियान की प्रगति की जांच के लिए असीम अरुण ने परंपरागत औपचारिक दौरे से हटकर एक अनोखा तरीका अपनाया। वे कन्नौज नगर पालिका की कचरा कलेक्शन गाड़ी में बैठकर घर-घर पहुंचे और स्थानीय नागरिकों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने न केवल घरों के बाहर की सफाई व्यवस्था, बल्कि घर के अंदर की स्वच्छता आदतों को भी समझने की कोशिश की।
उनका कहना था,
"मैं सिर्फ अधिकारी की नजर से नहीं, आम नागरिक की नजर से देखना चाहता था कि वास्तव में लोग स्वच्छता को कितना गंभीरता से ले रहे हैं।"
लोगों से जाना फीडबैक, सुझाए समाधान
असीम अरुण ने कन्नौज के नागरिकों से संवाद के दौरान उनके समस्याएं और सुझाव दोनों सुने। कई नागरिकों ने कूड़ा उठाने में देरी, प्लास्टिक कचरे की बढ़ती मात्रा, और डोर-टू-डोर कलेक्शन में लापरवाही जैसी शिकायतें रखीं। इस पर उन्होंने पालिका अधिकारियों को तत्काल समाधान और निगरानी के निर्देश दिए।
साथ ही मंत्री ने राज्य और स्थानीय निकायों के स्तर पर कुछ प्रमुख सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था तभी कारगर होगी, जब आम नागरिक भी उसमें पूरी भागीदारी निभाएं।
नागरिकों से भी की अपील
असीम अरुण ने इस दौरान लोगों से अपील की कि वे कचरा छंटाई (सिग्रिगेशन), प्लास्टिक का सीमित उपयोग, और खुले में शौच से बचाव जैसे विषयों पर जागरूक रहें और जिम्मेदारी से व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि,
"स्वच्छता सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, यह हर नागरिक का कर्तव्य है।"