मानसूनी द्रोणिका के सामान्य स्थिति में लौटते ही शुरू हुई झमाझम बारिश, धरती का आंचल हुआ हरा-भरा

लंबे इंतजार के बाद मानसूनी द्रोणिका (Monsoon Trough) ने दिशा बदलते हुए शनिवार को अपनी सामान्य स्थिति में वापसी कर ली। जैसे ही यह द्रोणिका दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ी, प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। इस बहुप्रतीक्षित वर्षा ने जहां तपती धरती को राहत दी, वहीं खेतों और प्राकृतिक परिवेश में हरियाली की चादर बिछा दी।
मानसून के सामान्य होते ही बढ़ी वर्षा
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से द्रोणिका सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर झुकी हुई थी, जिसके कारण उत्तर भारत में बारिश की गतिविधि कमजोर पड़ गई थी। लेकिन शनिवार को जैसे ही यह पुनः अपनी सामान्य स्थिति में लौटी, कई जिलों में भारी वर्षा दर्ज की गई।
इस बदलाव ने गर्मी और उमस से बेहाल लोगों को बड़ी राहत दी है। तापमान में गिरावट आने के साथ-साथ हवा में ठंडक घुल गई है और वातावरण सुगंधित और ताजगी से भरपूर हो गया है।
धरती का आंचल हुआ हरा
बारिश की पहली फुहार के साथ ही सूखी पड़ी धरती ने राहत की सांस ली। किसानों के चेहरों पर खुशी लौट आई, क्योंकि अब उन्हें धान, मक्का और अन्य खरीफ फसलों की बुवाई में सहूलियत मिलेगी। खेतों की मेड़ों पर पानी बहने लगा है और नहरों व तालाबों में जल भराव की स्थिति बनने लगी है।
किसानों में खुशी की लहर
मानसूनी वर्षा के सक्रिय होते ही कृषि कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। किसानों का कहना है कि यदि आगामी कुछ दिनों तक इसी तरह वर्षा होती रही तो फसलों की बुवाई समय से हो जाएगी और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 3-4 दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। कुछ स्थानों पर मूसलधार वर्षा होने की भी संभावना जताई गई है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी पर नजर बनाए रखें और जलभराव या बिजली गिरने जैसी आपात स्थितियों से सतर्क रहें।
कुल मिलाकर, मानसूनी द्रोणिका की सक्रियता ने न सिर्फ मौसम को सुहाना बना दिया है, बल्कि किसान से लेकर आम जन तक के लिए उम्मीद और जीवन की हरियाली साथ लाई है। आने वाले दिनों में मानसून के और अधिक मेहरबान रहने की आशा की जा रही है।