अब देश में ही बनेंगे लड़ाकू विमान पायलटों के एंटी ग्रैविटी सूट, कानपुर की फैक्ट्री को मिली बड़ी जिम्मेदारी
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पायलटों के लिए एंटी ग्रैविटी सूट देश में ही बनाए जाएंगे। ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (GIL) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (OPF), कानपुर को इसका निर्माण कार्य सौंपा गया है।
यह पहला मौका है जब भारत में एंटी ग्रैविटी सूट का उत्पादन किया जाएगा, क्योंकि अब तक यह सूट विदेशों से आयात किए जाते थे। इन सूटों का उपयोग सुखोई-30, तेजस, मिराज, हॉक और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों के पायलट करते हैं, ताकि तेज गति और ऊंचाई पर उड़ान भरते समय शरीर पर पड़ने वाले गुरुत्वीय दबाव से बचा जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, निर्माणी को 'लाइसेंस फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी' की मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद अब जल्द ही डीआरडीओ की डिफेंस बायो इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लेबोरेटरी (DEBEL), बेंगलुरु को सूट का सैंपल भेजा जाएगा। सैंपल को परीक्षण के बाद उत्पादन की मंजूरी मिल सकती है।
यह पहल न केवल विदेशी निर्भरता को कम करेगी, बल्कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी मजबूती देगी। आने वाले समय में इस तकनीक का निर्यात भी संभव है।

