बरेली के जोगी नवादा में सौहार्द की मिसाल, दो साल बाद अमन का रंग, कांवड़ियों पर मुस्लिम समुदाय ने की पुष्प वर्षा
शहर के जोगी नवादा इलाके, जो कभी सांप्रदायिक तनाव और विवाद का केंद्र रहा था, ने शुक्रवार को एक नया इतिहास रच दिया। दो साल पहले जहां इसी क्षेत्र में पथराव, लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग जैसी घटनाएं हुई थीं, वहीं अब उसी स्थान पर अमन और भाईचारे की बेमिसाल तस्वीर सामने आई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शाहनूरी मस्जिद के पास गुजरते कांवड़ियों के पहले जत्थे पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, जिससे माहौल में सौहार्द और आपसी प्रेम की भावनाएं परवान चढ़ गईं।
तनाव से सौहार्द की ओर जोगी नवादा
जोगी नवादा, जो कि मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है, पिछले दो वर्षों से सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहा था। 2022 में हुए विवाद के दौरान यहां कांवड़ यात्रा के दौरान भारी पथराव हुआ था, जिससे माहौल बिगड़ गया था और पुलिस को लाठीचार्ज व हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी थी। लेकिन इस बार हालात पूरी तरह बदले नजर आए।
सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव और इंस्पेक्टर बारादरी धनंजय पांडेय की सक्रिय निगरानी और समझदारी से इलाके में संवाद और विश्वास का पुल बना, जिसका असर शुक्रवार को साफ तौर पर देखा गया।
हरिद्वार रवाना हुआ शिवनंदन शर्मा का कांवड़ जत्था
शिवनंदन शर्मा के नेतृत्व में करीब डेढ़ सौ कांवड़ियों का जत्था नाचते-गाते, भगवा ध्वज लहराते हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। जैसे ही यह जत्था शाहनूरी मस्जिद के पास पहुंचा, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूल बरसाकर कांवड़ियों का अभिनंदन किया। यह दृश्य सिर्फ श्रद्धा और आस्था का नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया।
पुलिस और समाज की साझी पहल
इस सराहनीय सौहार्दपूर्ण माहौल के पीछे प्रशासन और दोनों समुदायों के जिम्मेदार नागरिकों की साझा कोशिशें हैं। सीओ पंकज श्रीवास्तव ने कहा, "हमारा उद्देश्य सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि समाज में विश्वास और आपसी सहयोग को मजबूत करना भी है। आज जोगी नवादा ने उदाहरण पेश किया है।"
इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने भी कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में भरोसा बनता है और आने वाली पीढ़ियों को अच्छा संदेश मिलता है।
समाज ने दिया शांति का संदेश
मुस्लिम समाज के लोगों ने भी इस मौके पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर नफरत नहीं, बल्कि मोहब्बत और इंसानियत की सीख दी जानी चाहिए। पुष्पवर्षा कर उन्होंने यह दिखा दिया कि असली इबादत एक-दूसरे का सम्मान और सहयोग है।

