दसवीं में सारे बच्चे हो गए पास, पूरे गांव में अकेला फेल हुआ तो फंदे पर लटक गया छात्र

पुरकाजी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी कक्षा 10 के छात्र ने परीक्षा में फेल होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शोकाकुल परिवार ने बिना किसी पुलिस कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बताया गया कि पूरे गांव के सभी बच्चे पास हो गए, जबकि यह छात्र फेल हो गया। इसीलिए वह इतना चिंतित था।
गांव का निवासी यह छात्र उत्तराखंड के गुरुकुल नारसन नामक एक निजी स्कूल में पढ़ता था। इस बार उन्होंने सीबीएसई बोर्ड से 10वीं की परीक्षा दी। मंगलवार को बोर्ड का रिजल्ट आया, जिसमें वह फेल हो गया। जबकि उसके अपने गांव के सहपाठी पास हो चुके थे। इस कारण वह खुद को दोषी मानने लगा और निराशा में आकर उसने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना की सूचना मिलते ही परिजन उसे डॉक्टर के पास भी ले गए। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जिससे परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने बिना कोई पुलिस कार्रवाई किए शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
परिणाम वाले दिन बच्चों का विशेष ध्यान रखें
जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन का कहना है कि यह आत्मसम्मान की हानि के कारण उठाया गया कदम है। चिकित्सा विज्ञान में इस स्थिति को सम्मान की हानि की प्रतिक्रिया कहा जाता है। ऐसा बच्चा पहले से ही किसी पारिवारिक या अन्य परिस्थितियों के कारण परेशान हो सकता है। परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण वह स्वयं को दोषी महसूस कर रहा था।
परीक्षा परिणाम आने पर अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। बच्चे को भविष्य में कड़ी मेहनत करना सिखाते समय उसे परिणामों की चिंता न करने की शिक्षा भी दी जानी चाहिए।