अखिलेश यादव का कथावाचकों पर हमला, "कुछ लोग कथा पढ़ने के 50 लाख रुपये लेते हैं" – धीरेंद्र शास्त्री पर अप्रत्यक्ष निशाना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने धार्मिक आयोजनों और कथावाचकों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "कुछ कथावाचक कथा पढ़ने के लिए 50 लाख रुपये लेते हैं।" अखिलेश का यह बयान सीधे तौर पर किसी का नाम लिए बिना, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर इशारा करता हुआ माना जा रहा है।
क्या कहा अखिलेश यादव ने?
एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा:
"जो लोग धर्म के नाम पर कथा कराते हैं, उनमें से कुछ तो 50 लाख रुपये लेते हैं। अब बताइए, गरीब कहां से देगा इतने पैसे? धर्म को कारोबार बना दिया गया है।"
अखिलेश ने कहा कि धर्म की आड़ में व्यापार किया जा रहा है और गरीब, किसान और मजदूर वर्ग का इससे कोई भला नहीं हो रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि कथावाचकों की आय और संपत्ति की जांच क्यों नहीं होती?
धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना?
हालांकि अखिलेश यादव ने किसी कथावाचक का नाम नहीं लिया, लेकिन हाल के दिनों में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाओं को लेकर हो रही भव्य तैयारियों और कथित पैसों के लेनदेन की खबरें मीडिया और सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रही हैं। ऐसे में अखिलेश का बयान सीधा संकेत माना जा रहा है।
सियासी हलकों में बढ़ी हलचल
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा समर्थकों और कई साधु-संतों ने इस बयान को हिंदू भावनाओं का अपमान करार दिया है। वहीं सपा प्रवक्ताओं का कहना है कि अखिलेश ने धर्म के नाम पर व्यवसाय करने वालों की मानसिकता पर सवाल उठाए हैं, न कि किसी विशेष धर्म या आस्था पर।
भाजपा का पलटवार
भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें हिंदू धार्मिक आयोजनों से चिढ़ है और वह हमेशा ऐसे कार्यक्रमों को तिरस्कार की नजर से देखते हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि "जो लोग रामचरितमानस को जातिवादी बताते हैं, वे संतों और कथावाचकों का सम्मान क्या करेंगे?"