पुलिस की नाक के नीचे भारी सुरक्षा के बीच भी बैरिकेडिंग कूद निकले अखिलेश यादव, वायरल VIDEO देख हर कोई रह गया दंग
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव आज दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस बैरिकेड पर चढ़ गए। यह घटना उस समय हुई जब दिल्ली पुलिस ने संसद भवन से भारत निर्वाचन आयोग (ECI) तक इंडिया ब्लॉक नेताओं के विरोध मार्च को रोकने की कोशिश की। विपक्षी नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान "मतदाता धोखाधड़ी" के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। संसद के मानसून सत्र के दौरान, विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का विरोध किया है। इस प्रक्रिया को लेकर इंडिया ब्लॉक नेताओं ने आरोप लगाया कि यह अभियान एक "राजनीतिक साजिश" है जिसके तहत गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
दिल्ली
— मनोज यादव (@Manoj_Yadav_) August 11, 2025
बैरिकेडिंग तोड़ कर धरने पर बैठे अखिलेश यादव जी
विपक्षी साँसदों ने लोक सभा से चुनाव आयोग के दफ़्तर तक मार्च निकाल रहे थे।
पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग कर साँसदों को रोका है
अखिलेश यादव जी रौद्र रंग में आए नज़र pic.twitter.com/iuRFS1BSa4
अखिलेश यादव ने क्या कहा
आज सुबह संसद भवन के मकर द्वार से शुरू हुआ विरोध मार्च उस समय और तेज हो गया जब दिल्ली पुलिस ने परिवहन भवन के बाहर बैरिकेड लगाकर इंडिया ब्लॉक नेताओं को रोकने की कोशिश की। इस दौरान अखिलेश यादव ने पुलिस बैरिकेड पार करके अपनी नाराजगी जताई। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य विपक्षी नेता भी मौजूद थे। अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा, "चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थों के लिए किया जा रहा है। बिहार में गरीब और वंचित लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जो लोकतंत्र पर हमला है।" उन्होंने उत्तर प्रदेश के कुंदरकी, मीरापुर और मिल्कीपुर उपचुनावों का हवाला देते हुए कहा कि वहाँ भी पुलिस और प्रशासन ने मिलकर "चुनाव लूटने" का काम किया।
विपक्ष के आरोप और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष का दावा है कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 7.9 करोड़ मतदाताओं की जाँच चल रही है, जिसमें बिना किसी ठोस आधार के नाम हटाए जा रहे हैं। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हों। यह लोकतंत्र की हत्या है।" वहीं, सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे एक नियमित प्रक्रिया बताया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "विपक्ष रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को लेकर चिंतित है। मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।"

