Samachar Nama
×

पूर्वांचल का चिकित्सा हब बना एम्स गोरखपुर, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आंदोलन का सपना हुआ 

पूर्वांचल का चिकित्सा हब बना एम्स गोरखपुर, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आंदोलन का सपना हुआ साका

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर आज न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के लोगों के लिए चिकित्सा सेवाओं का ड्रीम डेस्टिनेशन बन चुका है। अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं, विशेषज्ञ डॉक्टरों और उच्च गुणवत्ता वाले इलाज के कारण यह संस्थान क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन का केंद्र बिंदु बन गया है।

एम्स गोरखपुर की स्थापना किसी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक लंबा जन आंदोलन और राजनीतिक इच्छाशक्ति की मिसाल जुड़ी है। गोरखपुर के सांसद रहते हुए वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्षों तक इसके लिए संघर्ष किया। उन्होंने संसद से लेकर सड़क तक इस संस्थान की आवश्यकता को पुरजोर तरीके से उठाया, जिससे केंद्र सरकार को इस क्षेत्र में एम्स की स्थापना के लिए बाध्य होना पड़ा।

एम्स गोरखपुर की स्थापना से पूर्व पूर्वांचल के लोगों को जटिल बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली, लखनऊ या पटना जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। लेकिन अब यहां अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं, एमबीबीएस कोर्स और रिसर्च सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे यह संस्थान चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा रहा है।

हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा एम्स गोरखपुर के पहले दीक्षा समारोह में शिरकत करना इस संस्थान के महत्व को और भी रेखांकित करता है। यह संस्थान न केवल इलाज का केंद्र है, बल्कि भविष्य के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने और मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा देने का भी प्रमुख संस्थान बनता जा रहा है।

एम्स गोरखपुर से इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां अब तक हजारों मरीजों को जीवन रक्षक सेवाएं दी जा चुकी हैं। सस्ती और सुलभ चिकित्सा के कारण गरीब तबके के लोगों के लिए यह संस्थान किसी वरदान से कम नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कई बार इस संस्थान के निरीक्षण पर आ चुके हैं और उन्होंने इसके विस्तार, संसाधन और स्टाफ की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया है। उनकी दूरदृष्टि और राजनीतिक प्रतिबद्धता के कारण ही यह सपना साकार हो सका।

आज एम्स गोरखपुर केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि पूर्वांचल की सेहत की रीढ़ बन चुका है। यह आने वाले समय में न केवल चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में, बल्कि मेडिकल शिक्षा, अनुसंधान और मानव सेवा के एक मॉडल संस्थान के रूप में देशभर में अपनी पहचान और अधिक मजबूत करेगा।

Share this story

Tags