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आगरा धर्मांतरण कांड में बड़ा खुलासा, अब्दुल रहमान स्लीपर सेल की तरह करता था काम, बच्चों को बनाया जाता था निशाना

आगरा धर्मांतरण कांड में बड़ा खुलासा: अब्दुल रहमान स्लीपर सेल की तरह करता था काम, बच्चों को बनाया जाता था निशाना

उत्तर प्रदेश के आगरा में सामने आए धर्मांतरण कांड में पुलिस की पूछताछ में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान ने पुलिस के समक्ष कबूल किया है कि वह स्लीपर सेल की तरह काम करते हुए धर्मांतरण की साजिश को अंजाम देता था। पुलिस पूछताछ में रहमान ने बताया कि उसका पूरा नेटवर्क योजनाबद्ध तरीके से बच्चों को टारगेट करता था, जिसमें खास तौर पर नाबालिग लड़के और लड़कियां शामिल होते थे।

कैसे काम करता था नेटवर्क?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल रहमान ने स्वीकार किया है कि वह पहले कम उम्र के बच्चों को निशाना बनाता था। इसके लिए वह अपने समुदाय के युवक-युवतियों को इस्तेमाल करता था, जो उन बच्चों से दोस्ती करते और फिर उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित कर धर्मांतरण की ओर ले जाते थे। यह सब कुछ बेहद चुपचाप और योजनाबद्ध तरीके से किया जाता था, ताकि किसी को शक न हो।

रहमान ने बताया कि उसका उद्देश्य धीरे-धीरे एक ऐसे नेटवर्क को खड़ा करना था, जो समाज में बिना किसी शोर-शराबे के बड़े स्तर पर धर्मांतरण करा सके। इसी वजह से उसने "स्लीपर सेल" की तरह खुद को और अपने साथियों को छुपा कर रखा था। यह समूह मुख्य रूप से स्कूलों, ट्यूशन सेंटर्स और कोचिंग संस्थानों में सक्रिय था, जहां कम उम्र के बच्चों तक पहुंचना आसान होता था।

ब्रेनवॉश और लालच

रहमान के मुताबिक, उसके साथी पहले बच्चों से दोस्ती करते थे, फिर उन्हें उनकी पारिवारिक, आर्थिक या मानसिक कमजोरियों का फायदा उठाकर धीरे-धीरे इस्लाम की ओर मोड़ते थे। कुछ मामलों में बच्चों को आर्थिक मदद, मोबाइल फोन, या अन्य महंगे गिफ्ट्स का लालच भी दिया जाता था। ब्रेनवॉश की प्रक्रिया महीनों चलती थी और जब यकीन हो जाता था कि बच्चा पूरी तरह से तैयार है, तब उसे औपचारिक रूप से धर्मांतरण की प्रक्रिया में लाया जाता था।

पुलिस का बयान

आगरा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पूछताछ में मिले इन तथ्यों के आधार पर जांच को और गहराई से आगे बढ़ाया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में पहले ही कुछ अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सकता है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “धर्मांतरण की यह साजिश बेहद खतरनाक है क्योंकि इसका निशाना हमारे समाज के सबसे नाजुक वर्ग — बच्चे — थे। हम इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब करेंगे और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

राजनीतिक हलचल और सामाजिक चिंता

धर्मांतरण के इस खुलासे ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कई नेताओं ने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं, सामाजिक संगठनों ने इसे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है और सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की है।

इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धर्मांतरण जैसे गंभीर अपराधों को रोकने के लिए क्या हमारी सामाजिक और कानूनी व्यवस्थाएं पर्याप्त हैं? पुलिस जांच के आगे बढ़ने के साथ ही यह देखना होगा कि पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक कब तक कानून का हाथ पहुंचता है।

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