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गुजरात-पंजाब उपचुनाव में जीत के बाद ‘आप’ की नजर अब यूपी पंचायत चुनाव पर, स्कूल विलय बना हथियार

vगुजरात-पंजाब उपचुनाव में जीत के बाद ‘आप’ की नजर अब यूपी पंचायत चुनाव पर, स्कूल विलय बना हथियार

हाल ही में गुजरात और पंजाब उपचुनावों में मिली सफलता से उत्साहित आम आदमी पार्टी (आप) ने अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। पार्टी ने पंचायत चुनाव को लक्ष्य बनाते हुए प्रदेश में पूरी ताकत झोंक दी है। संगठन स्तर पर तैयारी के साथ-साथ अब 'आप' ने एक अहम मुद्दा भी उठा लिया है—परिषदीय स्कूलों का विलय (पेयरिंग), जिसे वह बड़े स्तर पर भुनाने की तैयारी में है।

प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में कई परिषदीय स्कूलों के आपस में विलय की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरकार का दावा है कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस निर्णय को ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था पर ‘हमला’ करार दिया है। पार्टी का कहना है कि इससे गरीब और गांव के बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ेगा।

‘आप’ नेताओं का मानना है कि यह फैसला ग्रामीण इलाकों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने जैसा है और इसका विरोध पंचायत स्तर से लेकर विधानसभा तक किया जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को इसके खिलाफ जागरूक कर रहे हैं और इसे पंचायत चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "दिल्ली में हमने सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बना दिया और यूपी सरकार स्कूलों को ही बंद कर रही है। यह फर्क जनता को समझाना जरूरी है।"

जानकारों का मानना है कि ‘आप’ इस मुद्दे के जरिये ग्रामीण मतदाताओं, खासकर अभिभावकों और शिक्षकों के बीच पैठ बनाना चाहती है। पंचायत चुनाव की तैयारियों के तहत पार्टी जल्द ही प्रदेशभर में जनसभाएं, पदयात्राएं और संवाद अभियान शुरू करने जा रही है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को जमीनी स्तर तक ले जाने में सफल रही, तो यह उसके लिए पंचायत चुनाव में एक मजबूत आधार बन सकता है।

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