इजराइल-ईरान संघर्ष थमने के बाद कामगारों ने ली राहत की सांस, बोले– अब हालात ठीक हैं, वतन लौटने की जरूरत नहीं

इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर लागू होने के बाद वहां काम कर रहे भारतीय कामगारों, विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से गए मजदूरों, ने राहत की सांस ली है। हालात सामान्य होने के बाद ज्यादातर लोगों ने अब वतन लौटने का इरादा छोड़ दिया है।
"अब कोई डर नहीं, सेफ जोन में हैं"
कामगारों का कहना है कि वे पहले से ही सुरक्षित क्षेत्रों (सेफ जोन) में रह रहे हैं और अब जब सीजफायर हो गया है, तो डर की कोई बात नहीं बची है। एक मजदूर ने वीडियो कॉल पर बताया—
"हम यहां काम करने आए हैं, अब हालात सामान्य हैं, तो वापस आने से क्या फायदा? पता नहीं फिर इजराइल आने का मौका मिले या न मिले।"
परिवारों को भी दी तसल्ली
कामगारों ने वीडियो कॉल और सोशल मीडिया के जरिए अपने परिवारों को वहां के ताजा हालात दिखाए हैं और भरोसा दिलाया है कि सब ठीक है। इससे परिजनों की चिंता भी काफी हद तक कम हो गई है।
क्या बोले प्रवासी विशेषज्ञ?
प्रवासी मामलों के जानकारों का मानना है कि इजराइल में विकास और निर्माण कार्यों में भारतीय कामगारों की बड़ी भूमिका है, और यही कारण है कि वे कम जोखिम में भी काम जारी रखने को तैयार रहते हैं।
भारत सरकार भी सतर्क
भारत सरकार ने भी पहले ही अपने नागरिकों को सावधानी बरतने और स्थिति पर नजर बनाए रखने की सलाह दी थी। अब सीजफायर के बाद विदेश मंत्रालय ने वापसी पर कोई दबाव नहीं डाला है।