सीएमओ निलंबन के बाद समाज कल्याण विभाग में भी गिरी गाज, तीन बाबू और एक ऑपरेटर हटाए जाएंगे

गुरुवार को सीएमओ (मुख्य चिकित्साधिकारी) के निलंबन के बाद कानपुर में समाज कल्याण विभाग भी प्रशासनिक सख्ती की जद में आ गया है। विभाग में तैनात तीन लिपिकों (बाबुओं) और एक कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन सभी के खिलाफ स्थानांतरण की संस्तुति वाले पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
वायरल हुए पत्रों से मचा हड़कंप
सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हुए हैं, वे जिला समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह द्वारा समाज कल्याण निदेशक को भेजे गए हैं। इन पत्रों में उन्होंने इन चार कर्मियों को कानपुर से स्थानांतरित करने की संस्तुति की है। बताया जा रहा है कि इन कर्मियों के खिलाफ अनुशासनहीनता, कार्य में लापरवाही और वित्तीय गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप हैं।
कौन हैं कार्रवाई की जद में?
सूत्रों के अनुसार जिन तीन लिपिकों और एक कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाने की संस्तुति की गई है, वे सभी लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत थे। इनके कार्यकाल में कई शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई थीं। फिलहाल इनका नाम आधिकारिक रूप से उजागर नहीं किया गया है, लेकिन कार्रवाई की पुष्टि समाज कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा की गई है।
सीएमओ निलंबन के बाद बढ़ी सतर्कता
गौरतलब है कि गुरुवार को ही कानपुर के सीएमओ को निलंबित किया गया था। इसके बाद प्रशासन और अन्य विभागों में भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की लहर देखी जा रही है। समाज कल्याण विभाग की यह कार्रवाई उसी दिशा में उठाया गया एक और सख्त कदम मानी जा रही है।
"अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। कार्य में लापरवाही या गड़बड़ी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी," — शिल्पी सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी, कानपुर
आगे की कार्रवाई
अब यह मामला समाज कल्याण निदेशक कार्यालय के पाले में है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन कर्मचारियों का स्थानांतरण आदेश जारी हो सकता है। साथ ही इन पर विभागीय जांच की भी संभावना है।