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हादसे के बाद लोगों की लापरवाही, एक युवक ने रास्ता बताने के नाम पर लिया 500 रुपये

 हादसे के बाद लोगों की लापरवाही, एक युवक ने रास्ता बताने के नाम पर लिया 500 रुपये

शाहजहांपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा रोजा थाना क्षेत्र के जमुका गांव के पास हुआ, लेकिन यह हादसा केवल घायलों के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी एक उदाहरण बन गया। जब लोग मदद करने के बजाय बस खड़े रहे, तो एक युवक ने रास्ता बताने के नाम पर 500 रुपये की मांग की।

घायलों को बाहर निकालने की कोशिश
हादसे के बाद लोग हादसे के शिकार व्यक्तियों की मदद करने के बजाय एक-दूसरे को देख रहे थे। घायलों को राहत पहुंचाने का जिम्मा हादसे के पास से गुजर रहे परिजनों ने उठाया। एक गाड़ी से आ रहे परिजनों ने बताया कि उन्होंने खुद अपनी कार में सरिया से कार की खिड़की तोड़कर घायलों को बाहर निकाला। इसके बाद वे अपनी गाड़ी से घायल व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने के लिए निकले।

रास्ता बताने के नाम पर वसूली
हालांकि, घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए रास्ता पूछने पर एक युवक ने शमशान घाट के पास उन्हें रास्ता दिखाने के नाम पर 500 रुपये ले लिए। यह घटना समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता और स्वार्थी मानसिकता को उजागर करती है, जहां एक युवक ने एक गंभीर हादसे के दौरान भी मौके का फायदा उठाने की कोशिश की।

मदद की उम्मीद और लापरवाही
यह घटना इस बात को भी उजागर करती है कि कई बार लोग एक दूसरे की मदद करने के बजाय केवल अपनी ही चिंता करते हैं। हादसे के दौरान मदद करने की बजाय कई लोग घटनास्थल से निकल जाते हैं या खड़े रहकर तमाशा देखते हैं। यह स्थिति समाज में मदद और इंसानियत के प्रति घटती संवेदनशीलता को दर्शाती है।

पुलिस की कार्रवाई
हालांकि, यह मामला अब पुलिस के पास पहुंच चुका है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि वे इस मामले में जल्द ही कार्रवाई करेंगे और वसूली करने वाले युवक के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। साथ ही, हादसे के बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ भी जांच की जा रही है।

समाज में जागरूकता की जरूरत
इस प्रकार की घटनाएं समाज में जागरूकता की कमी को उजागर करती हैं। हमें एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है, खासकर जब किसी की जान को खतरा हो। समाज में इंसानियत की भावना को मजबूत करना समय की मांग है, ताकि ऐसी घटनाओं से हम न केवल बचें, बल्कि एक दूसरे की मदद करने के लिए भी तत्पर रहें।

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