किन्नर काजल और भाई की हत्या के बाद आरोपी प्रेमी ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में कबूला जुर्म
कानपुर में योगेंद्र विहार, खाड़ेपुर नई बस्ती में रहने वाली किन्नर काजल और उसके गोद लिए भाई देव की हत्या के मामले में सनसनीखेज मोड़ आ गया है। हत्या का आरोपित और काजल का प्रेमी आकाश विश्वकर्मा ने भी अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। सोमवार को मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक होटल में उसका शव फंदे से लटका मिला।
जानकारी के मुताबिक, आकाश के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने किन्नर काजल और उसके भाई देव की हत्या की बात स्वीकार की है। सुसाइड नोट में उसने इस जघन्य अपराध के पीछे के कारणों का भी जिक्र किया है, हालांकि पुलिस ने नोट की पूरी सामग्री को फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आकाश हत्या के बाद फरार चल रहा था और उसकी तलाश में कानपुर पुलिस कई राज्यों में दबिश दे रही थी। इसी दौरान वह सतना पहुंचा और वहां एक होटल में ठहरा। सोमवार सुबह होटल स्टाफ ने कमरे का दरवाजा काफी देर तक न खुलने पर पुलिस को सूचना दी। दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश करने पर आकाश का शव फंदे से लटका मिला।
मामले में कानपुर पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि आकाश ने प्रेम संबंधों में तनाव और आपसी विवाद के चलते काजल और देव की हत्या की थी। हत्या के बाद से वह मानसिक दबाव में था और लगातार पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, काजल समाज में काफी सक्रिय थी और लोगों की मदद करने के लिए जानी जाती थी। वहीं उसका गोद लिया भाई देव भी आसपास के लोगों के बीच मिलनसार स्वभाव के लिए मशहूर था। दोनों की अचानक हुई हत्या से इलाके में गहरा आक्रोश और शोक का माहौल है।
पुलिस ने आकाश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सतना पुलिस के सहयोग से आगे की कार्रवाई कर रही है। कानपुर पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की भी जांच कराई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह वास्तव में आकाश ने ही लिखा है।
यह मामला अब हत्या और खुदकुशी के इस सिलसिलेवार घटनाक्रम के बाद और भी पेचीदा हो गया है। जांच एजेंसियां अब इस बात पर भी गौर कर रही हैं कि क्या इस पूरी वारदात में किसी और की भी भूमिका थी या आकाश ने अकेले ही यह कदम उठाया।
हत्या और खुदकुशी की इस दर्दनाक घटना ने न सिर्फ कानपुर बल्कि सतना के लोगों को भी झकझोर दिया है। पुलिस की कोशिश है कि मामले से जुड़े हर पहलू को स्पष्ट किया जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और इस तरह की वारदातें भविष्य में रोकी जा सकें।

