अयोध्या के बाद अब काशी में बनेगा भव्य राम मंदिर, CM योगी ने किया भूमि पूजन, कहा- पूर्वजों का संकल्प पूरा कर रहे PM मोदी
सीएम योगी ने अब काशी में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास किया है। कश्मीरीगंज, खोजवां स्थित रामानंदाचार्य संप्रदाय के श्री राम जानकी मंदिर को भव्य रूप देने के लिए शिलान्यास समारोह किया गया। 700 साल पुराने इतिहास वाले इस मंदिर का धार्मिक प्रभाव बहुत बड़ा है। गोस्वामी तुलसीदास के गुरु नरहरि दास और गोस्वामी तुलसीदास ने भी यहाँ रहकर पाँच वर्षों तक अध्ययन किया था। वर्ष 1669 काशी के लिए अभिशाप था। औरंगजेब ने मंदिरों को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर सहित कई मंदिर ध्वस्त कर दिए गए।
ध्वस्त किये गये मंदिरों में खोजवान स्थित श्री राम जानकी मंदिर भी शामिल है, जिसकी स्थापना 350 वर्ष पूर्व रामानंद संप्रदाय के अनंतानंदाचार्य ने 1398 में कश्मीर से आये अपने 17 शिष्यों के साथ मिलकर की थी। अप्रैल 1669 में जब आक्रमणकारियों ने मंदिर को नष्ट किया तो मूर्तियां भी तोड़ दी गईं, लेकिन लक्ष्मी नारायणजी की मूर्ति सुरक्षित रही। आक्रमणकारियों ने मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद बनाने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। काशी की जनता ने उनकी योजना को विफल कर दिया। संत सियाराम दास ने 1700 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। तब से यह मंदिर ज्यों का त्यों खड़ा है।
शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री ने कहा- संतों के बलिदान के कारण मंदिर और परंपरा दोनों बच गए।
सीएम योगी ने श्रीराम मंदिर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह संतों के त्याग और तपस्या का परिणाम है कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो सका और इसमें काशी की जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही, क्योंकि उन्होंने ऐसे प्रतिनिधियों को चुनकर भेजा जिनके दृढ़ संकल्प से यह संभव हो सका। सीएम योगी ने कहा कि रामानंदाचार्य की महान परंपरा के 26वें पीठ अध्यक्ष श्री कमलाचार्य जी के नेतृत्व में काशी में भव्य राम जानकी मंदिर का भी निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग 40-50 साल के इतिहास पर गर्व करते हैं, जबकि इस मंदिर का इतिहास 700 साल पुराना है। यहां कई संतों ने रहकर सनातन की सेवा की, जिनमें गोस्वामी तुलसीदासजी भी शामिल हैं।