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16 साल बाद मंधना आवास विकास योजना को मिली हरी झंडी, 6 अगस्त से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

16 साल बाद मंधना आवास विकास योजना को मिली हरी झंडी, 6 अगस्त से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

कानपुर में लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी आवास विकास परिषद की मंधना योजना संख्या-4 अब आखिरकार धरातल पर उतरने को तैयार है। करीब 16 वर्षों बाद इस महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन ने योजना के पहले चरण में बिरतियान बिठूर गांव की 26.84 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि 6 अगस्त को भूमि अधिग्रहण की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इसके तहत बिरतियान गांव के लगभग 255 किसानों को भूमि अधिग्रहण के नोटिस भेज दिए गए हैं। यदि सभी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से पूरी होती हैं तो अधिग्रहण की घोषणा के तुरंत बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।

हालांकि, मुआवजे को लेकर एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है। प्रशासन द्वारा तय किया गया है कि किसानों को वर्ष 2009 के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। इस निर्णय को लेकर कुछ किसान नाराजगी जता सकते हैं, क्योंकि वर्तमान बाजार मूल्य की तुलना में यह दरें काफी कम मानी जा रही हैं। स्थानीय स्तर पर यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या इतने पुराने दरों पर मुआवजा देना न्यायसंगत होगा।

योजना के दायरे में कुल पांच गांव आते हैं, जिनमें से बिरतियान पहला गांव है जहां से अधिग्रहण की शुरुआत की जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रशासन पहले चरण में इस गांव की जमीन लेकर वहां बुनियादी विकास कार्य जैसे सड़क, जल आपूर्ति, सीवरेज व अन्य अधोसंरचना तैयार करेगा। इसके बाद अन्य गांवों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।

आवास विकास मंधना योजना संख्या-4 का उद्देश्य तेजी से बढ़ते कानपुर शहर की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करना है। इस योजना के तहत हजारों लोगों को सस्ती और सुव्यवस्थित आवास सुविधा मिलने की संभावना है। इसके साथ ही बिठूर और मंधना क्षेत्र में रोजगार, व्यापार और शहरी विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सभी किसानों से संवाद कायम किया जा रहा है ताकि अधिग्रहण प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। यदि किसान सहयोग करते हैं तो यह योजना न केवल उन्हें उचित मुआवजा देगी बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी मील का पत्थर साबित होगी।

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