रंगदारी के मुकदमे में फरार अधिवक्ता अनूप शुक्ला का आत्मसमर्पण, कुर्की पर विवाद
रंगदारी के एक मुकदमे में फरार चल रहे अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने हाल ही में अदालत में आत्मसमर्पण किया। अदालत में पेश होने के बाद उन्हें तुरंत जेल भेज दिया गया। यह घटना तब सामने आई जब उनके घर की कुर्की चल रही थी, लेकिन वे खुद अदालत में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण कर रहे थे। इस स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि कैसे कुर्की की प्रक्रिया के दौरान आरोपी फरार हो सकता है।
अनूप शुक्ला के आत्मसमर्पण के बाद उनके अधिवक्ता ने सोमवार को अदालत में एक प्रार्थनापत्र दाखिल किया। प्रार्थनापत्र में कहा गया कि आत्मसमर्पण के बावजूद पुलिस द्वारा कुर्की के दौरान अदालत के आदेश की अवमानना की गई। अधिवक्ता ने मामले में विवेचक और सीसामऊ थानाध्यक्ष को तलब करने और दोषियों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
अधिवक्ता का कहना है कि अदालत के आदेश का पालन करना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुर्की के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिससे आरोपी के अधिकारों का हनन हुआ। प्रार्थनापत्र में न्यायालय से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की गई है।
कोर्ट ने इस प्रार्थनापत्र पर बुधवार को सुनवाई करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान विवेचक और थानाध्यक्ष को तलब किया जाएगा और अदालत जांच करेगी कि कुर्की के दौरान किन कारणों से आदेश का पालन नहीं किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों में अदालत का आदेश और पुलिस की कार्रवाई में तालमेल होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में किसी प्रकार की विघ्नता न आए।
स्थानीय लोगों और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला न्यायिक और प्रशासनिक दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। एक ओर आरोपी ने अदालत में आत्मसमर्पण कर अपने खिलाफ चल रही गिरफ्तारी प्रक्रिया में सहयोग किया, वहीं दूसरी ओर कुर्की पर विवाद ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के बीच इस मामले की सुनवाई यह तय करेगी कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कैसे हुआ और दोषियों के खिलाफ कौन-सी कार्रवाई की जाएगी। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पुलिस आदेश का पालन नहीं करती है, तो इसे गंभीर अवमानना माना जा सकता है और इसके लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
संक्षेप में कहा जाए तो, रंगदारी के मुकदमे में फरार अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बावजूद उनके घर की कुर्की विवाद का कारण बनी। उनके अधिवक्ता ने अदालत में प्रार्थनापत्र दाखिल कर पुलिस पर आदेश की अवमानना का आरोप लगाया है। बुधवार को इस प्रार्थनापत्र पर सुनवाई होगी, जिसमें विवेचक और सीसामऊ थानाध्यक्ष को तलब कर मामले की गहन जांच की जाएगी।

