घर के बाहर खेल रही सात वर्षीय बच्ची को गुलदार उठा ले गया, ईख के खेतों में रातभर चलती रही तलाश
उत्तराखंड के एक गांव से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां घर के बाहर खेल रही सात वर्षीय बालिका को गुलदार (तेंदुआ) उठाकर जंगल की ओर ले गया। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। परिजन सदमे में हैं और गांववाले पूरी रात बच्ची की सलामती के लिए प्रार्थना करते रहे।
यह घटना उस वक्त हुई जब मासूम बच्ची अपने घर के बाहर आंगन में खेल रही थी। तभी अचानक गुलदार झाड़ियों से निकला और पल भर में बच्ची को उठाकर पास के ईख (गन्ने) के खेतों की ओर भाग गया। बच्ची की चीख सुनकर घरवालों और आसपास के लोगों ने दौड़कर पीछा किया, लेकिन तब तक गुलदार खेतों में ओझल हो चुका था।
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से ईख के घने खेतों में रातभर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन देर रात तक बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल सका। खेतों में अंधेरा और झाड़ियों की घनी मौजूदगी के कारण तलाश अभियान में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से गुलदार की सक्रियता देखी जा रही थी, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लोगों ने कई बार विभाग से शिकायती तौर पर संपर्क किया था, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब इस दर्दनाक घटना के बाद वन विभाग की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, यह इलाका वन क्षेत्र से सटा हुआ है और खेतों के किनारे झाड़ियां व घना जंगल है, जिससे गुलदार और अन्य वन्यजीव अक्सर गांव के पास आ जाते हैं। बच्ची के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं गांव में भी डर का माहौल बना हुआ है।
वन विभाग की टीम ने खेतों के आसपास ट्रैप कैमरे लगाने और पगमार्क के जरिए तलाश तेज करने की बात कही है। सुबह होते ही खोज अभियान को और तेज किया जाएगा। इसके अलावा गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की योजना भी बनाई जा रही है। यह घटना न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों से सुरक्षा के इंतजामों की गंभीर जरूरत को भी दर्शाती है। फिलहाल सभी की निगाहें बच्ची की सुरक्षित वापसी पर टिकी हुई हैं।

