
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक अजीबोगरीब घटना घटी है। यहां वन विभाग की टीम एक मृत हिरण को दफनाने के लिए गड्ढा खोद रही थी; उसी गड्ढे में भगवान शिव की पीतल की मूर्ति मिली। इसके साथ ही आठ पुराने तांबे के सिक्के भी मिले हैं। जब लोगों को यह खबर मिली तो कुछ ही देर में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस भी वहां पहुंच गई और प्रतिमा को हटाने का प्रयास किया, लेकिन इससे लोग भड़क गए और भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद पुलिस खुद ही मूर्ति को उसी स्थान पर छोड़कर चली गई। अब इस स्थान पर खूब पूजा-अर्चना की जाने लगी है।
घटना गुरुवार शाम हल्दौर रोड स्थित वन विभाग चौकी के पास हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वन विभाग की गश्ती टीम को हाल ही में एक हिरण घायल अवस्था में मिला। वन विभाग के अधिकारियों ने हिरण का पूरा उपचार किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। हिरण की मौत के बाद वन कर्मियों ने उसका पोस्टमार्टम किया और चौकी के पास गड्ढा खोदकर उसे दफनाने का प्रयास किया। जब गड्ढा खोदा जा रहा था, तो फावड़ा किसी धातु से टकराया।
पूजा की शुरुआत ध्वजारोहण से होती है।
इसके बाद वनकर्मियों ने सावधानीपूर्वक मिट्टी हटाई तो पाया कि वहां भगवान शिव की पीतल की मूर्ति दबी हुई थी। वहां आठ तांबे के सिक्के भी पड़े थे। कुछ ही देर में यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गए। इसी बीच पुलिस भी आ गई और भीड़ को पीछे धकेलकर प्रतिमा हटाने का प्रयास किया। इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी। हालात को देखते हुए पुलिस को खुद पीछे हटना पड़ा। वर्तमान में मूर्ति उसी स्थान पर मौजूद है और लोगों ने वहां धार्मिक ध्वज फहराकर उसकी पूजा शुरू कर दी है।
कार्बन डेटिंग की तैयारी
उधर, पुलिस और वन विभाग ने घटना की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी है। इसके बाद जिला प्रशासन ने मूर्ति और सिक्के की कार्बन डेटिंग कराने का निर्णय लिया है। अधिकारियों के अनुसार, इससे पता चल सकेगा कि यह प्रतिमा कितनी पुरानी है और यहां गड्ढे में क्यों गिरी। संभव है कि इस प्रतिमा के माध्यम से इस स्थान का कोई प्राचीन इतिहास प्रकाश में आए। इसके लिए जल्द से जल्द इसकी कार्बन डेटिंग करवाने का प्रयास किया जा रहा है।