यमुना में एक गलती और लग गया लाशों का ढेर, तीन सगी बहनों संग छह बेटियों की मौत, अर्थियां देख फट पड़ा कलेजा

आगरा के नगला नत्थू (सिकंदरा) गांव की गलियां जहां हमेशा बच्चे खेलते नजर आते हैं, बुधवार को वीरान नजर आईं। इक्का-दुक्का लोग ही घरों के बाहर बैठे नजर आए। पीड़ित परिवारों के घर करुण क्रंदन से गूंज उठे। नगला नत्थू गांव की मुस्कान, दिव्या, संध्या उर्फ कंचन, चचेरी बहन सोनम, चचेरी बहन नैना और मौसी शिवानी की मंगलवार को यमुना नदी में डूबने से मौत हो गई। घटना सुबह साढ़े दस बजे की है। सभी किशोर यमुना में नहाने गए थे। घटना के बाद पीड़ित परिवारों में मातम पसरा हुआ है। गांव के लोग भी हादसे को याद कर सिहर उठते हैं। सबसे ज्यादा दुख मां कांता देवी, पिता सुरेश चंद और दादी मीना को हुआ है, जिन्होंने अपनी तीन बेटियों मुस्कान, दिव्या और संध्या को खो दिया है। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोग किसी तरह उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। मां एक ही बात कह रही है कि बेटियों को एक बार वापस ले आओ, अब कभी नहीं जाने दूंगी। घर में लोगों की भीड़ लगी हुई है। लोग उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। अब नैना किसे कहेंगे?
सुरेश के भाई दिनेश की बेटी नैना की भी डूबने से मौत हो गई। वह पड़ोस में ही रहती है। नैना की मां दीपू दुखी हैं। दादा विजय सिंह मोबाइल पर पोती की फोटो देखकर रो रहे थे। घटना से पहले बेटी ने कुछ देर तक वीडियो बनाया था। उन्होंने कहा, अब नैना किसे कहेंगे?
पैसे पढ़ाई पर खर्च करेंगे
सुरेश और दिनेश ने कहा कि उनकी बेटियां वापस नहीं आ पाएंगी। अब उनकी दो और बेटियां हैं। उन्हें मुआवजा मिला है। वे इस पैसे को दोनों बेटियों की पढ़ाई पर खर्च करेंगे। अगर कुछ पैसा बचता है तो उनके नाम जमा कर देंगे। नगला रामबल की शिवानी और टेढ़ी बगिया की सोनम की मौत से उनके परिवार के आंसू थम नहीं रहे हैं। अगले दिन भी उनके घर लोगों का आना-जाना लगा रहा।