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सलमान नाम का बकरा 55 हजार में बिका

सलमान नाम का बकरा 55 हजार में बिका

बकरीद के मौके पर पुराने लखनऊ के बाजारों में खासी भीड़ देखी जा रही है। सोमवार को चौक और नक्खास जैसे व्यस्त इलाकों में महिलाओं की खासी भीड़ देखने को मिली। खासकर कपड़े, सिंवाई, क्रॉकरी, चूड़ियां और आर्टिफिशियल ज्वैलरी बेचने वाली दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गईं। मौसम सुहाना होने के कारण दोपहर बाद भी बाजारों में भीड़ रही। बाजारों में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं और बच्चों के लिए सामान खरीदने पर जोर रहा। बकरीद में अभी पांच दिन बाकी हैं, लेकिन खरीदारी जोरों पर चल रही है।

शरारा की मांग में इजाफा

अकबरी गेट स्थित एक दुकान के मैनेजर विशाल रस्तोगी ने बताया कि उनके पास 300 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक की रेंज में सूट, शरारा और इंडो-वेस्टर्न कपड़े उपलब्ध हैं। इस बार सूती कपड़े से बने पाकिस्तानी सूट और शरारा की ज्यादा मांग है। गर्मी को ध्यान में रखते हुए महिलाएं हल्के और स्टाइलिश डिजाइन के कपड़े पसंद कर रही हैं।

दावत की तैयारी के लिए क्रॉकरी और आभूषणों की खरीदारी

बकरीद पर मेहमानों के स्वागत के लिए महिलाएं खूबसूरत कांच की क्रॉकरी भी खरीद रही हैं। दुकानदार मोहम्मद उमर ने बताया कि सिंवई परोसने के लिए कांच की कटोरियों की काफी मांग है, जिनकी कीमत 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है। वहीं मीना बाजार में चूड़ियां और झुमके बेचने वाली दुकानों पर भीड़ रही। महिलाएं अपने कपड़ों और आभूषणों से मेल खाती मीना वर्क वाली चूड़ियों के सेट चुन रही हैं।

पहले लगता था बकरी बाजार, अब सिंवई से भरा

बकरीद के बाद मेहमानों को मिठाई खिलाने की परंपरा के अनुसार पारंपरिक सिंवई भी खूब बिकती थी। दुकानदार मोहम्मद आरिफ ने बताया कि यहां बकरी बाजार लगता था, जो अब कंपनी बाग में शिफ्ट हो गया है। लेकिन अब यह बाजार सिंवई की दुकानों से भरा हुआ है। इनमें मोटी, मीडियम, जीरो और बनारसी सिंवई हैं। इसकी कीमत 60 रुपये प्रति किलो है। हालांकि बड़े लोग मोटी सिंवई पसंद करते हैं, लेकिन यह ऑर्डर पर तैयार की जाती है। इसे मोटे कपड़े में भिगोकर उबाला जाता है, फिर दूध में पकाया जाता है।

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