डॉ. बृज किशोरी दुबे मेमोरियल स्कूल के पास पार्क में अचानक बना बास्केटबाल कोर्ट, अधिकारी भी चौंके
डॉ. बृज किशोरी दुबे मेमोरियल स्कूल के पास स्थित पार्क में अचानक पक्का बास्केटबाल कोर्ट बनने के बाद प्रशासन और स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। बुधवार को कानपुर के आवास आयुक्त बलकार सिंह और विशेष सचिव आवास एवं शहरी नियोजन राजेश राय जांच के लिए मौके पर पहुंचे।
जांच के दौरान आयुक्त और विशेष सचिव ने अफसरों से सवाल किया कि पार्क में यह पक्का बास्केटबाल कोर्ट कैसे बन गया। अधिकारियों ने इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, जिससे जांच और लोगों के बीच सवाल खड़े हो गए।
स्थानीय नागरिकों और स्कूल प्रशासन ने भी इस मामले पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि पार्क का उपयोग बच्चों और स्थानीय लोगों की recreational गतिविधियों के लिए होता था। अचानक पक्का बास्केटबाल कोर्ट का निर्माण पार्क की मूल संरचना और उपयोग को प्रभावित कर सकता है।
आवास आयुक्त बलकार सिंह ने कहा कि यह मामला गंभीर है और ऐसे निर्माणों में पारदर्शिता और अनुमति प्रक्रियाओं का पालन जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट जानकारी और संबंधित दस्तावेज माँगे कि यह निर्माण किसके आदेश और अनुमति से किया गया।
विशेष सचिव आवास एवं शहरी नियोजन राजेश राय ने भी कहा कि ऐसे निर्माणों के लिए नियम और प्रक्रियाएं तय हैं। यदि पार्क में बिना अनुमति कोई निर्माण हुआ है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्क और सार्वजनिक स्थानों का उपयोग केवल नियमानुसार होना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक पार्कों में बिना योजना और अनुमति के निर्माण न केवल स्थानीय लोगों के उपयोग को प्रभावित करता है बल्कि शहर की योजना और नियोजन को भी खतरे में डालता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण और बच्चों की recreational गतिविधियों पर भी असर डाल सकता है।
स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और पार्क का मूल स्वरूप बनाए रखा जाए। उनका कहना है कि बच्चों और युवाओं के लिए खेल-कूद की सुविधाएं जरूरी हैं, लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि यह नियम और योजना के अनुसार ही हो।
जांच के दौरान यह भी देखा गया कि पक्का बास्केटबाल कोर्ट का निर्माण अचानक और बिना सूचना के किया गया था। अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
कुल मिलाकर, कानपुर के इस पार्क में अचानक बने बास्केटबाल कोर्ट ने सवाल खड़े कर दिए हैं। आयुक्त और विशेष सचिव की जांच से यह स्पष्ट होगा कि निर्माण किन आधारों पर किया गया और भविष्य में सार्वजनिक पार्कों में ऐसे निर्माण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

