
ज्ञात हो कि यूपी के नए पुलिस महानिदेशक की रेस में सबसे आगे डीजी इंटेलीजेंस डीएस चौहान का ही नाम चल रहा है। वह 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं और 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा चौहान के पास यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विजलेंस) के निदेशक का भी कार्यभार है।मुकुल गोयल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद बुधवार रात को उनके पद से हटा दिया गया था। गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और अकर्मण्यता के आरोप में उनको पद से हटाया गया। गोयल पर कार्रवाई के पीछे हाल के दिनों की घटनाएं बड़ी वजह मानी जा रही हैं।
गोयल को पिछले साल एक जुलाई को तत्कालीन डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की सेवानिवृत्ति के बाद डीजीपी बनाया गया था। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे थे। शुरू से ही उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। एक मामले में तो मुख्यमंत्री तक को बयान देना पड़ा। गौरतलब हो कि देवेंद्र सिंह चौहान पर लगाए जा रहे थे कयास वरिष्ठता के आधार पर 1987 बैच के आईपीएस अफसर आरपी सिंह सबसे वरिष्ठ डीजी हैं और मौजूदा समय में प्रशिक्षण निदेशालय में हैं। दूसरे नंबर पर 1987 बैच के ही सीबीसीआईडी में डीजी जीएल मीना, तीसरे पर 1988 बैच के डीजी भर्ती बोर्ड राज कुमार विश्वकर्मा, चौथे पर 1988 बैच के डीजी इंटेलीजेंस देवेंद्र सिंह चौहान और पांचवें पर 1988 बैच के डीजी जेल आनंद कुमार हैं। इनमें देवेंद्र सिंह चौहान डीजीपी की रेस में सबसे आगे हैं।
--आईएएनएस
लखनउ न्यूज डेस्क !!!
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