प्रदेश के 8 जिलों में बनेंगे 50 बेड के एकीकृत आयुष अस्पताल, वार्षिक कार्ययोजना को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के गाजीपुर, चित्रकूट, भदोही, महाराजगंज, फिरोजाबाद, सीतापुर, बहराइच और चंदौली जिलों में 50 बिस्तरों वाले एकीकृत आयुष अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित नेशनल आयुष मिशन की 11वीं शासी निकाय की बैठक में लिया गया।
बैठक के दौरान वर्ष 2025-26 के लिए राज्य की वार्षिक कार्ययोजना को भी मंजूरी दी गई, जिसकी कुल लागत ₹65181.20 लाख (करीब 651.81 करोड़ रुपये) है। इस कार्ययोजना में आयुष सेवाओं के विस्तार, गुणवत्ता सुधार, मानव संसाधन सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
आयुष चिकित्सा सेवाओं को मिलेगा नया आयाम
प्रस्तावित 50 बेड के एकीकृत आयुष अस्पतालों में आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और योग की चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञों की तैनाती होगी। इन अस्पतालों में ओपीडी, इनडोर सेवाएं, प्रयोगशालाएं, फार्मेसी, पंचकर्म और योग केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी, बल्कि आयुष चिकित्सा पद्धति को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्य सचिव ने दिए प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वीकृत परियोजनाओं का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए और समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि आयुष पद्धति भारतीय चिकित्सा की मूल आत्मा है और इससे जुड़ी स्वास्थ्य सुविधाओं को जनसामान्य तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है।
राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में आयुष
प्रदेश सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के समावेश को प्राथमिकता दे रही है। आयुष मिशन के तहत न केवल अस्पताल बनाए जा रहे हैं, बल्कि पहले से संचालित आयुष केंद्रों को भी आधुनिक उपकरणों व विशेषज्ञ चिकित्सकों से सुसज्जित किया जा रहा है।
नवाचार और जागरूकता पर भी जोर
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आयुष सेवाओं को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियानों को और तेज किया जाएगा। साथ ही आयुष प्रणाली से संबंधित नवाचार, अनुसंधान और डिजिटल रिकॉर्डिंग को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।