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GANGANAGAR बाबा रामदेव का मेला नहीं भरने से पटियाला के खिलौना विक्रेता निराश,पैसे  कमाने की उम्मीद थी वह भी हो गई खत्म

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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! श्रद्धालु तो किसी तरह से घरों में बाबा का पूजन औरआरती कर लेंगे लेकिन संकट उन खिलौना विक्रेताओं के सामने हो गया है जो इस मेले को कमाई के अवसर की तरह देखते हैं। कोरोना के कुछ कम होने से इन लोगों को मेला भरने की उम्मीद थी लेकिन प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी। प्रशासन ने मंदिर में प्रवेश को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है, उसके अनुसार मेले का हर वर्ष आयोजन करने वाले सेठ सुगनचंद चितलांगिया चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारी तैयार नहीं है। ट्रस्ट पदाधिकारी बताते हैं कि प्रशासन पुलिस उपलब्ध करवा देता है तो नियमों की पालना करते हुए दर्शन करवाए जा सकते हैं। मीडिया रिपेार्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि, मेले का आयोजन नहीं होने की मार सबसे ज्यादा उन लोगों पर हुई जो पटियाला से यहां इसी उम्मीद से आए थे कि दो पैसे कमाकर लौटेंगे।

लोगों में शामिल कैलाश बताते हैं कि वे हर वर्ष ही यहां आते हैं। चार-पांच हजार रुपए के खिलौने खरीद लाते हैं ओर दिन भर में हजार से डेढ़ हजार रुपए तक कमा भी लेते हैं।खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि  शहर में पिछले पैंसठ वर्ष से साल में दो बार सूरतगढ़ मार्ग पर लगने वाला बाबा रामदेव का मेला इस बार नहीं हो पाएगा। प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। उम्मीद थी लेकिन मेले का आयोजन नहीं हो पाया। पटियाला से आए रोहित का कहना था कि यहां तक आने का काफी किराया ही लग गया है। अब मेले पर रोक की जानकारी मिली है। लगता है इस बार तो जीप का किराया ही नहीं निकल पाएगा।इसी मेले में आए छोटूराम बताते हैं कि वे पीढ़ियों से यहां दुकान लगा रहे हैं। पिछले वर्ष तो कोरोना संकट ने परेशान किया। इस बार उम्मीद थी लेकिन करीब तीन चार हजार रुपए के खिलौने खरीदने के बाद भी अब हजार रुपए की कमाई की भी उम्मीद नहीं है।

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