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थूथुकुडी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से दक्षिण भारत को मिलेगी नई कनेक्टिविटी, वीडियो में देखे उद्घाटन समारोह की झलकियां 

थूथुकुडी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से दक्षिण भारत को मिलेगी नई कनेक्टिविटी, वीडियो में देखे उद्घाटन समारोह की झलकियां 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस आधुनिक टर्मिनल के उद्घाटन से दक्षिण तमिलनाडु की कनेक्टिविटी को नई गति मिलेगी। यह उद्घाटन प्रधानमंत्री के क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण "सबका साथ, सबका विकास" की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह टर्मिनल भवन न केवल स्थानीय लोगों के लिए यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अवसरों के नए द्वार भी खोलेगा। उन्होंने कहा, "देश में बुनियादी ढाँचे का विकास हमारी प्राथमिकता है और यह नया टर्मिनल उस दिशा में एक मज़बूत कड़ी है।"


तूतीकोरिन हवाई अड्डे के इस नए टर्मिनल को अत्याधुनिक तकनीक और हरित निर्माण मानकों के साथ डिज़ाइन किया गया है। इसमें ऊर्जा-बचत सुविधाएँ, यात्रियों के लिए बेहतर प्रतीक्षालय, तेज़ सुरक्षा जाँच प्रणाली और स्मार्ट बोर्डिंग प्रक्रियाएँ शामिल हैं। इस टर्मिनल की वार्षिक क्षमता लगभग 6 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करने की है।

नए टर्मिनल के उद्घाटन से स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में खुशी की लहर है। थूथुकुडी एक प्रमुख बंदरगाह शहर है, जहाँ से बड़े पैमाने पर समुद्री व्यापार होता है। अब बेहतर हवाई संपर्क से उद्योगों, खासकर निर्यात संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह हवाई अड्डा श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ शहरों से संभावित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार है।

कार्यक्रम के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री और तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों और इंजीनियरों की विशेष रूप से प्रशंसा की और कहा कि भारत का भविष्य इसके निर्माणकर्ताओं के हाथों में है।विशेषज्ञों के अनुसार, थूथुकुडी हवाई अड्डे के विस्तार से न केवल तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि 'उड़ान योजना' के तहत क्षेत्रीय संपर्क भी मजबूत होगा।

प्रधानमंत्री ने अंत में स्थानीय लोगों से इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठाने और देश के विकास में भागीदार बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह की बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ भारत को एक आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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