कमल हासन की राज्यसभा में एंट्री उनके राजनीतिक भविष्य को कैसे बदलने जा रही है? डीएमके ने समर्थन का किया है ऐलान

साउथ सिनेमा के सुपरस्टार और मक्कल नीधि मय्यम (MNM) पार्टी के अध्यक्ष कमल हासन की राज्यसभा में एंट्री की अटकलों के बीच एक नया मोड़ आ गया है। पहले खबर थी कि कमल हासन बुधवार को राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, लेकिन ऐन मौके पर यह कार्यक्रम टाल दिया गया है। इस बदलाव के पीछे की वजह फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन तमिलनाडु की राजनीति और हालिया कन्नड़ विवाद को देखते हुए इसके कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।
DMK ने दी MNM को राज्यसभा सीट, हासन को नई जिम्मेदारी
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी DMK ने आगामी राज्यसभा चुनाव में अपने कोटे की चार सीटों में से एक कमल हासन की पार्टी MNM को देने का फैसला किया है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक समझौता है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले DMK और MNM के बीच हुए गठबंधन का परिणाम है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने खुद इस फैसले की पुष्टि की है। कमल हासन, जिन्होंने 2018 में राजनीति में प्रवेश किया था, अब राज्यसभा में अपनी पहली एंट्री करने जा रहे हैं। यह उनके राजनीतिक करियर के लिए एक नया अध्याय है और सिनेमा से संसद तक के उनके सफर की अहम उपलब्धि।
राज्यसभा चुनाव का गणित और DMK के उम्मीदवार
तमिलनाडु से राज्यसभा की 6 सीटों पर 24 जुलाई 2025 को चुनाव होने हैं। मौजूदा सांसदों में पीएमके नेता अंबुमणि रामदास और एमडीएमके प्रमुख वाइको शामिल हैं, जो रिटायर हो रहे हैं। विधानसभा में बहुमत के चलते DMK आसानी से 4 सीटें जीत सकती है, जबकि AIADMK और बीजेपी गठबंधन के खाते में 2 सीटें जाने की संभावना है।
DMK ने अपने बाकी तीन उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है:
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पी. विल्सन – वरिष्ठ अधिवक्ता
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सलमा – कवियित्री और लेखिका
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एस.आर. शिवलिंगम – पूर्व मंत्री
नामांकन की अंतिम तारीख 9 जून है, 10 जून को नामांकन की जांच, और 19 जून को मतदान तथा उसी दिन परिणामों की घोषणा होगी।
कमल हासन का विवादित बयान और बढ़ती राजनीतिक चुनौतियाँ
राज्यसभा नामांकन टलने की एक बड़ी वजह कमल हासन का कन्नड़ भाषा पर दिया गया बयान माना जा रहा है। उन्होंने हाल ही में चेन्नई में अपनी फिल्म 'ठग लाइफ' के प्रमोशन के दौरान कहा था कि “कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है।” इस बयान से कर्नाटक में काफी विवाद और विरोध प्रदर्शन हुआ। कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा: "आप कमल हासन हो सकते हैं, लेकिन किसी की भावनाओं को आहत करने का आपको अधिकार नहीं है।" इस विवाद के चलते कमल हासन को कर्नाटक में 'ठग लाइफ' की रिलीज रोकनी पड़ी, और उन्होंने माफी मांगने से भी साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके बयान का आशय गलत तरीके से लिया गया और वह अपने शब्दों पर अडिग हैं।
नामांकन टलने का क्या है राजनीतिक संदेश?
कमल हासन का नामांकन टलना कई तरह के राजनीतिक संकेत दे रहा है। DMK और MNM के गठबंधन के बावजूद, भाषाई विवाद और राजनीतिक माहौल में बढ़ी संवेदनशीलता को देखते हुए यह फैसला फिलहाल टालने जैसा लगता है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या DMK ने भी इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए फिलहाल नामांकन को टालने का सुझाव दिया?
वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कमल हासन की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और राज्यसभा जैसे मंच पर उनकी मौजूदगी विपक्ष और हिंदी विरोधी राजनीति के खिलाफ एक वैकल्पिक चेहरा बन सकती है। लेकिन इसके लिए उन्हें भाषाई और सांस्कृतिक मुद्दों पर अधिक संतुलन बरतना होगा।
निष्कर्ष: हासन की अगली चाल पर टिकी नजरें
राजनीति में कमल हासन की एंट्री को लेकर उत्साह जरूर है, लेकिन उनका विवादास्पद बयान उनकी छवि और राजनीतिक भविष्य के लिए चुनौतीपूर्ण बन सकता है। राज्यसभा में उनकी एंट्री अब कुछ दिनों के लिए टल गई है, लेकिन यह साफ है कि तमिलनाडु की राजनीति में वह अब सिर्फ अभिनेता नहीं, एक असरदार नेता बनकर उभरना चाहते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि DMK और MNM इस विवाद के बाद अपनी रणनीति कैसे आगे बढ़ाते हैं, और क्या कमल हासन संसद की राह पर आगे बढ़ते हैं या कन्नड़ विवाद उनके रास्ते में रोड़ा बनता है।